इन पौधों की देखभाल कम करनी पड़ती है. ऐसे में फिर ये पौधे क्यों ना लगाएं जो हवा अच्छी दें और उपयोग में भी आएं. बड़े-बड़े गमलों में विदेशी पौधों की जगह तुलसी लगाइए.
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नई दिल्ली: आजकल घरों में लोग एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) पौधे रख रहे हैं. इन पौधों को पानी और हवा की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है. शायद इसीलिए कि ये देखने में ज्यादा खूबसूरत होते हैं. ये महंगे भी नहीं होते हैं. अक्सर घरों और दफ्तरों में बोनसाई पौधा (Bonsai Plant) दिखाई देता है. बेशक ये देखने में मनमोहक लगते हैं, मगर इन्हें घर में रखने से जिंदगी भी बौनी सी महसूस होने लगती है.
हालांकि इन पौधों की देखभाल कम करनी पड़ती है. ऐसे में फिर ये पौधे क्यों ना लगाएं जो हवा अच्छी दें और उपयोग में भी आएं. इन विदेशी पौधों को छोड़कर हमारे देश में भी ऐसे पौधे हैं जिन्हें अधिक पानी और खाद की जरूरत नहीं पड़ती है. वास्तु की दृष्टि से ये फायदेमंद भी हैं और इनकी देखभाल भी मुश्किल नहीं है. ऐसे चार पौधे हम आपको बताने जा रहे हैं जो स्वास्थ्य और वास्तु दोनों दृष्टि से फायदेमंद हैं.
तुलसी
बड़े-बड़े गमलों में विदेशी पौधों की जगह तुलसी लगाइए. इसे छोटे गमले में कभी मत लगाइए. यदि ऐसा करेंगे तो दो-चार महीने में ये सूख जाएगा. दरअसल उसकी जड़ को बढ़ने के लिए काफी जगह चाहिए होती है. तुलसी को दो दिन में एक बार पानी दीजिए. रोज पानी देना चाहते हैं तो थोड़ा ही दीजिए. इसका बीज डालेंगे तो अच्छे से पनपता है और अगर आप चाहते हैं कि आपका पौधा मरे नहीं तो उसके बीज निकालते रहें. तुलसी का पौधा घर के वातावरण को पूरी तरह पवित्र और कीटाणुओं से मुक्त रखता है. तुलसी को हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखें.
ब्राह्मी
ब्राह्मी ऐसा पौधा जो घर में होना ही चाहिए. इसे भी तुलसी की ही तरह ज्यादा खाद पानी की जरूरत नहीं होती है. ये माइंड वेलनेस के लिए बहुत जरूरी है. ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. ब्राह्मी के लिए कहा जाता है कि जब से ये धरती है तब से ये पौधा भी है. इसके गुण अनगिनत हैं. ये बच्चों में बढ़ रही हाइपर सेंसिटिविटी (Hypersensitivity) को कम करता है और नर्वस सिस्टम से जुड़ी सभी समस्यायों को भी ठीक करता है. इससे नींद ज्यादा आती है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं. ये आयु बढ़ने वाला है और इसका काढ़ा भी बनाया जा सकता है. घर में छोटे-छोटे सजावटी पौधे लगाने से बेहतर ब्राह्मी को लगाएं.
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बेल
बेल के पत्ते, फल और उसकी जड़ें सभी गुणकारी हैं. जब आप बेल का पौधा लगते हैं तो ये पूरी धरती को ठंडा रखता है. इसे लगाने से भगवान शिव की कृपा आपके घर में हमेशा बनी रहेगी. एक बेल का पेड़ साल भर में 56 टन ऑक्सीजन पैदा करता है. इसके औषधीय गुण भी हैं.
सीता अशोक
सीता अशोक को एंटी डिप्रेसेंट (Antidepressants) माना गया है. मान्यता है कि सीता माता लंका में श्रीराम के बगैर इसीलिए इतने दिन जीवित रह पाईं क्योंकि अशोक वाटिका में ये पेड़ थे. इसमें नारंगी रंग के बड़े-बड़े फूल आते हैं. इसकी छांव बहुत अच्छी होती है और ये सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करता है. ये स्त्री रोग में काम आता है विशेषकर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में फायदेमंद साबित होता है.
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