Mangala Gauri Vrat 2022: सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर बन रहे विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Mangala Gauri Vrat 2022: सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर बन रहे विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Mangala Gauri Vrat 2022: सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत 26 जुलाई यानी मंगलवार को पड़ रहा है. इस दौरान शिव शंकर और पार्वती देवी की पूजा एक साथ करना फलदायी होता है. आइये व्रत के दौरान पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं.

Mangala Gauri Vrat 2022: सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर बन रहे विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Mangala Gauri Vrat 2022: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और महीने का दूसरा मंगला गौरी व्रत 26 जुलाई को पड़ रहा है. सावन माह का सोमवार ही नहीं, मंगलवार भी काफी विशेष माना जाता है क्योंकि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा का दिन होता है. सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस व्रत को आमतौर पर महिलाएं रखती हैं लेकिन अगर पति-पत्नी दोनों साथ में यह व्रत रखें तो इसका लाभ ज्यादा होता है. आइए इस व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.

  1. मंगलवार को रखे मां पार्वती का व्रत
  2. वैवाहिक जीवन में आएगी शांति
  3. जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

वैवाहिक जीवन में आएगी शांति

वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और संपन्नता लाने के लिए इस व्रत को रखना लाभकारी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को माता पार्वती सौभाग्यवती होने का वरदान देती हैं और उनके पति के ऊपर कभी कोई संकट नहीं मंडरा सकता. अगर पति-पत्नी दोनों साथ में इस व्रत को रखते हैं तो वैवाहिक जीवन सुखद हो जाता है साथ ही गृह क्लेश से मुक्ति मिल सकती है.

व्रत के दौरान ऐसे करें पूजा

मंगला गौरी व्रत रखने से पहले हमें शिव-पार्वती के सामने व्रत रखने का संकल्प लेना होता है और ऐसा करने से पहले स्नान जरूरी है. सुबह उठकर भगवान के सामने व्रत रखने का संकल्प लें और फिर प्रथम देवता गणेश पूजन के बाद शिव-पावर्ती की पूजा-अर्चना करें. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए बेल पत्र के अलावा दूर्वा, जनेऊ, चंदन और फूल शिव शंकर को अर्पित करें. साथ में आप जल अभिषेक भी कर सकते हैं. इसके बाद मां पार्वती की पूजा भी पूरे विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए.

माता पार्वती को लाल चुनरी, लाल फूल, चूड़ी, बिन्दी, कुमकुम जैसी श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. साथ में शिव-पार्वती को दूध से तैयार मिठाई, पान-सुपारी, फल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. मंदिर में इस दौरान दीपक जरूर जलाएं और अगरबत्ती या फिर धूप बत्ती भी जलानी चाहिए. पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप और मंगला गौरी व्रत की कथा सुनना भी जरूरी माना जाता है. आरती के बाद भगवान से मिले प्रसाद को घर में अन्य लोगों के साथ बांटना चाहिए और खुद भी उस प्रसाद को ग्रहण करना चाहिए.

पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त

मंगला गौरी व्रत पर इस बार दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इन योगों के जरिए व्रत के दौरान की गई पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है. मंगला गौरी पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इनमें पहला मुहूर्त सुबह 3 बजकर 58 मिनट से 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक दूसरा शुभ मुहूर्त बन रहा है. इसके बाद शाम 4 बजकर 53 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक का मुहूर्त भी पूजा के लिए शुभ माना जा रहा है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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