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नई दिल्ली: सावन महीना (Sawan Month) भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-पाठ, भक्ति के लिए सबसे खास माना जाता है. इसी महीने में शिव जी द्वारा गले में धारण किए जाने वाले नाग की पूजा का भी सबसे बड़ा पर्व नाग पंचमी (Nag Panchami) भी मनाया जाता है. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग देवता (Nag Devta) की पूजा की जाती है, उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है. इस साल नाग पंचमी 13 अगस्त शुक्रवार को है. इस दिन 12 देव नागों का स्मरण करने से बहुत फल मिलता है.
धर्म-पुराणों में 12 देव नागों- अनंत, वासुकि, शेष, पद्मनाभ, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिय और पिंगल का उल्लेख किया गया है. व्यक्ति को हर महीने इनमें 12 देव नागों में से एक-एक की पूजा करनी चाहिए, इससे उसकी जिंदगी में पैसा, संतान सुख आदि आता है. साथ ही उसका सांपों से डर भी दूर होता है.
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यह बात कम ही लोग जानते हैं काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के अलावा भी नागों का कुंडली से गहरा संबंध होता है. जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो, उन्हें नाग देवता की पूजा करनी चाहिए, इससे बहुत राहत मिलती है. इसके अलावा कुंडली में सभी 9 ग्रहों के लिए एक-एक प्रतिनिधि नाग देव बताए गए हैं. जैसे- सूर्य का अनंत नाग, चंद्रमा का वासुकि, भौम का तक्षक, बुध का कर्कोटक, वृहस्पति का पद्म, शुक्र का महापद्म और शनि का कुलिक व शंखपाल. ऐसे में इन नाग देवों की पूजा करने से बहुत लाभ होता है.
कुंडली के किसी भी ग्रह को मजबूत करने के लिए उपाय करने से वह ग्रह शुभ फल देने लगता है और उसका नकारात्मक असर दूर होता है. ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में ऐसे दोष हैं, वे विशेषज्ञ से सलाह लेकर नाग पंचमी के दिन उचित उपाय कर सकते हैं, इससे उनकी जिंदगी में सुख-समृद्धि आएगी.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)