ऐसी कई सारी रहस्यमयी चीजें यहां देखने और सुनने को मिलती हैं. इन्हीं के चलते लोग इसे आस्था का केन्द्र भी मानते हैं और हर साल की भांति इस साल भी यहां ज्योत जंवारा का आयोजन किया गया है.
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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से 15 किमी दूर मदनपुर के घने जंगलों के बीच एक ऐसा पहाड़ है जो अपने आप गरजता रहता है. यहां एक ऐसा पत्थर है जिसको छुने पर घंटी की जैसी मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती है, साथ ही पत्थरों में पैसा भी चिपक जाता है. ऐसी कई सारी रहस्यमयी चीजें यहां देखने और सुनने को मिलती हैं. इन्हीं के चलते लोग इसे आस्था का केन्द्र भी मानते हैं और हर साल की भांति इस साल भी यहां ज्योत जंवारा का आयोजन किया गया है. लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है. वहीं यहां के स्थानीय लोग पहाड़ की गरजना को दैविय शक्ति मानते है. यहां पर पहाड़ में देवी मां गरजई भी विराजमान हैं.
मां गरजईधाम के बारे भूगोल शास्त्रियों का कहना है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह ग्रेनाईट चट्टानें हैं. पत्थरों पर घंटी की आवाज आने का कारण यह है कि पत्थर के नीचे का स्थान खाली है जिसके कारण आवाज कर रही है. वहीं सिक्का पैसा पत्थरों में चिपकने को लेकर कहा कि सिक्के में पैरामैगेनिट मटेरियल से बने होते हैं. यहां की चट्टान पैरामैगेनेटिक हैं इसलिए ऐसा हो रहा है.
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मदनपुर से दो किमी दूर घने जंगल, हरी-भरी वादियां और सुरम्य पहाड़ियों के बीच गरजई पहाड़ है. पहाड़ के नीचे सात गांवों की सरहदें हैं. यहां के रहवासी पहाड़ के गर्जना की आवाज को वर्षों से सुनते आ रहे हैं. वहीं इस मामले में यहां के पुजारी का कहना है कि गरजई पहाड़ वर्षों से गरज रहा है जिस कारण इसे गरजई माता पहाड़ के नाम से जानते हैं. गरजई पहाड़ की गर्जना पर शोध करने के लिए तीन साल पहले आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक भी आ चुके हैं.
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गरजई पहाड़ चारो ओर से हरी भरी वादियों से घिरा हुआ है. पहाड़ की रहस्यमयी चीजें लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गई हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गरजई पहाड़ में अतभूत व अद्वितीय शक्ति विराजमान है. पहाड़ में माता विराजमान हैं और लोग इस पहाड़ को गरजई पहाड़ के नाम से जानते हैं. इसी पहाड़ पर एक और चट्टान है जिसे लोग सोनई रुपई माता की नाम से जानते है. इस चट्टान पर सिक्का चिपक जाता है. लोगों का कहना है कि पहाड़ की गर्जना की आवाज लोग दूर-दूर तक सुनते हैं. आसपास गांव में कोई बड़ी विपदा होने वाली हो या कोई बड़ी घटना होने वाली होती है तब यह पहाड़ गरजकर आसपास गांव के लोगों को आगाह कर देता है.