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Katas Raj Shiv Mandir: भारत की तरह पाकिस्तान में भी ऐसे कई मंदिर हैं, जो काफी प्रसिद्ध है. बता दें कि पाकिस्तान का कटासराज मंदिर भी भारत में खूब फेमस है. बीते दिन ही महा शिवरात्रि के खास मौके पर पाकिस्तान स्थित कटासराज धाम के लिए अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर से एक हिंदू यात्रियों का जत्था रवाना हो गया है. बता दें कि इसमें कुल 122 श्रद्धालु शामिल हैं.
भगवान शिव के आंसूओं से बना है तालाब
बता दें कि पाकिस्तान में स्थित कटासराज मंदिर 5000 साल पुराना है. इस परिसर में सात से ज्यादा मंदिर बताए जाते हैं. इसे सतग्रह के रूप में भी जाना जाता है. दुनियाभर के मंदिरों में कटासराज भी खूब फेमस है. मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जिस तालाब की ओर ये मंदिर बना है, वे भगवान शिव के आंसूओं से भरा हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव यहां अपनी पत्नी के साथ रहते थे.
सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव दुख में डूब गए थे और वे अपने आंसू नहीं रोक पाए. सती की याद में भगवान शिव इतना रोए कि कटास राज मंदिर में बना ये तालाब महादेव के आंसूओं से भर गया. इसी कारण मंदिर में स्थित इस कुंड को कटाक्ष कुंड के नाम से जाना जाता है. कटास का अर्थ होता है आंखों से आंसू निकलना.
12 साल रहे थे यहां पांडव
कटास राज मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि यहां पांडव बाई वनवास के दौरान 12 साल रहे थे. जंगलों में घूमते समय जब पांडवों के प्यास लगी थी, तब उनमें से एक पांडव कटास कुंड के पास जल लेने पहुंचे थे. कहते हैं कि उस समय इस कुंड पर यक्ष का अधिकार था और जल लेने के लिए यक्ष ने एक सवाल का जवाब देने की बात कही थी. पांडव यक्ष के सावल का जवाब न दे सके और वही पर सभी मूर्छित हो गए थे. आखिर में वहां युधिष्ठर आए और बुद्धिमता से सही जवाब दिए.
शिवरात्रि पर होती है खूब भीड़
बता दें कि पाकिस्तान में स्थित कटासराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में शिवरात्रि के मौके पर यहां खूब भीड़ देखने को मिलती है. मंदिर से जुड़ी कई आस्था की कहानी के चलते अलग-अलग मौकों पर यहां हिंदू लोग एकत्रित होते हैं. हालांकि, इस समय यहां मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है. लेकिन फिर भी लोग यहां पांडव भाई की स्मृति में यहां पहुंचते हैं. भगवान शिव के दुख की वंदना करते हैं. मंदिर के तालाब को लेकर मान्यता है कि यहां स्नान करने मात्र से ही व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)