Papankusha Ekadashi 2024: अक्टूबर में कब रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत? जानें सही डेट, तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
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Papankusha Ekadashi 2024: अक्टूबर में कब रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत? जानें सही डेट, तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Papankusha Ekadashi 2024 Kab hai: पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को तीन पीढ़ियों को पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है. ये भी कहा जाता है कि व्यक्ति को यमलोक में किसी भी प्रकार की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती हैं.

Papankusha Ekadashi 2024: अक्टूबर में कब रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत?  जानें सही डेट, तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Papankusha Ekadashi 2024 Date and Time: हिन्दू धर्म में एकादशी बहुत महत्व रखती है. हर साल 24 एकादशी तिथि होती हैं. हर एक एकादशी का अपने आप में खास महत्व होता है. फिलहाल अक्टूबर का महीना चल रहा है. इस महीने की पहली एकादशी अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की होगी. जानकारी के लिए बता दें कि अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं कि पापांकुशा एकादशी कब है, क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व...

कब है पापांकुशा एकादशी 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर रविवार को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर होगा. इसके चलते पापांकुशा एकादशी का व्रत 13  अक्टूबर को ही रखा जाएगा. 

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पापांकुशा एकादशी 2024 मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार पापांकुशा एकादशी पर रवि योग भी बन रहा है. रवि योग 13 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 21 मिनट से लेकर 14 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. वहीं, 13 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
 

पापांकुशा एकादशी 2024 व्रत पारण
पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने वाले लोग 14 अक्टूबर को व्रत का पारण कर सकते हैं. उस दिन पारण का समय दोपहर में 1 बजकर 16 मिनट से 3 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
 

पापांकुशा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को तीन पीढ़ियों को पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है. ये भी कहा जाता है कि व्यक्ति को यमलोक में किसी भी प्रकार की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती हैं.

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करें इन मंत्रों का जाप

- ॐ नमोः नारायणाय नमः।

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

ॐ विष्णवे नम:

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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