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Kaal Sarp Dosh Ke Upay: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. साल 2023 में पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 यानी की कल मनाई जाएगी. फाल्गुन माह की अमावस्या के दिन इस बार सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नाना, दान आदि का खास महत्व बताया जाता है. साथ ही, इस दिन पितरों को तर्पण और दान आदि दिया जाता है.
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन किए गए कुछ उपाय व्यक्ति को कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं. माना जाता है कि इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति के साथ व्यक्ति को इन उपायों से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानें इस दिन किन उपायों को करने से लाभ होता है.
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या पर पीपल की जड़ में जल और दूध अर्पित करें. इसके बाद पांच तरह की मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और वहां एक जनेऊ अर्पित कर दीपक जलाएं. पीपल के पेड़ के पास ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए कम से कम 108 परिक्रमा लगाएं. इन उपायों को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और तरक्की के मार्ग खुलते हैं.
पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन दक्षिण दिशा में कंडे की धूनी लगाएं और केसर युक्त खीर अर्पित करें. इसके साथ ही, पितरों से हाथ जोड़कर की गई जाने-अनजाने गलतियों के लिए क्षमा मांगे. इससे पितृ दोष के प्रभावों में कमी आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना विधिपूर्वक करें और रुद्राभिषेक करें. इसके बाद किसी तीर्थ स्थान पर जाकर चांदी के नाग-नागिनी की पूजा करें और इसके बाद इस जोड़े को नदी में प्रवाहित कर दें. हाथ जोड़कर कालसर्प दोष से मुक्ति की प्राथर्ना करें. इससे काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
आर्थिक स्थिति में सुधार के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में आर्थिक संपन्नता पाने और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पांच रंग की मिठाई को पीपल के पत्ते पर रख दें और इसे पीपल के पेड़ के पास रख दें. इसके बाद पितरों का ध्यान करें और तर्पण भी करें. पीपल पर अर्पित किए इस प्रसाद को गरीब या ब्रह्मण को दे दें और बच्चों में बांट दें. इस उपाय को करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)