गृहस्थ जीवन में जी रहे व्यक्ति को कैसे करना चाहिए भजन, देखें प्रेमानंद जी महाराज का ये वीडियो
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गृहस्थ जीवन में जी रहे व्यक्ति को कैसे करना चाहिए भजन, देखें प्रेमानंद जी महाराज का ये वीडियो

Premanand Ji Maharaj On Hymn: प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों लोगों के जीवन में पथ प्रदर्शक का काम कर रहे हैं. हाल ही में एक सत्संग के दौरान जब एक व्यक्ति ने यह सवाल किया कि हमें भजन किस प्रकार करना चाहिए! तो आइए जानें कि कैसे प्रेमानंद जी महाराज के सुविचार ने व्यक्ति के सवाल का जवाब दिया.

 

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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में व्यक्ति कई बार उनके सामने ऐसे सवाल रख देता है जिसके बारे में कोई आम व्यक्ति सोचता ही रह जाए. ऐसे में हाल ही में उनके एक सत्संग में जब एक व्यक्ति ने यह सवाल किया कि  हमें भजन किस प्रकार करना चाहिए! तो आइए विस्तार में प्रेमानंद जी महाराज के इस वीडियो में इस सवाल का जवाब जानें.

सत्संग के दौरान जब व्यक्ति ने प्रेमानंद जी से पूछा ये सवाल

सत्संग के दौरान व्यक्ति ने बताया कि एक दो दिन पहले घर पर एक संत महात्मा आए थे. गृहस्थ के जिन्होंने विट्ठल भगवान को सिर पर लेकर रखा था. उनसे हम गृहस्थों को क्या सीख लेनी चाहिए. उनके नेतृ अद्भुत थे. हमें उनके साक्षात दर्शन हुए. हम एकांत की लाइन में लगे हुए थे. उनके दर्शन हुए तो आनंद आ गया.

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प्रेमानंद जी ऐसे गृहस्थ महात्माओं को किया प्रणाम

प्रेमानंद जी ने कहा कि ऐसे ही हम प्रश्न उत्तर कर रहे थे. हमें बार बार हृदय में आ रहा था कि हमारे बगल में कोई है. कोई है तो एक दम से दृष्टि उन पर गई तो उनका बहुत नाम है उनके रोम रोम से विट्ठल निकलता है. नाम जप करते हो और इष्ट निष्ठा गुरू निष्ठा और वो 45 साल से अपने इष्ट टोप बनवाकर अपने पर धारण किए हुए हैं. आपने उनकी नेत्र देखी थी. बतादें कि प्रभु उनके नेत्रों में साक्षात झलकते हैं. ऐसे गृहस्थों को प्रणाम है. जैसे तुकाराम थे उनकी पत्नी थी ना. पहले तुकाराम की पत्नी को भगवत प्राप्त हुआ था.

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भजन के साथ करें परिवार की भी सेवा

प्रेमानंद जी ने आगे कहा कि भजन के आगे यह सब नहीं चलता. पहले खुब भजन करो और नाम जप करो और घर परिवार की सेवा भी करो. वो सेवा भगवान की सेवा है. भगवान में रति हो जाए तो ऐसी स्थिति आ जाए तो. ये किसी क्रिया से नहीं आती. वह केवल और केवल रति से आती है. वो नाम जो मिला है ना वही रति प्रदान करेगा. हमारी जीभ उसी नाम को बार बार जपती है. इतने महान महान लोग गृहस्थ जीवन से आए हैं. जप पर ज्यादा ध्यान दें नाम जप से ऐसी स्थिति आने लगती है. और भगवान जब कृपा करते हैं तब ऐसी स्थिति आ जाती है.

नाम जप की पुकार जरूर सुनते हैं भगवान

प्रेमानंद जी ने कहा कि नाम जप का मतलब है बार बार पुकारना. हम नाम जप करेंगे तो वह हम पर जरूर कृपा करेंगे. जैसे किसी का नाम हम पुकारते हैं तो वह पलट कर देखने जरूर लगेगा. ठीक वैसे ही राधा राधा राधा नाम पुकारते हैं तो श्री जी हमारे तरफ देखते हैं. कृष्ण कृष्ण करते हैं तो वह हमारे तरफ देखेंगे तो हमारा कल्याण हो जाएगा. साथ ही हमारा मंगल भी हो जाएगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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