Putrada Ekadashi 2021: कब है पुत्रदा एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा
Advertisement
trendingNow1831461

Putrada Ekadashi 2021: कब है पुत्रदा एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा

24 जनवरी 2021 यानी रविवार को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2021) है. पुत्रदा एकादशी पर विधि-विधान से व्रत (Putrada Ekadashi Vrat) रखने पर संतान की प्राप्ति होती है. जानिए पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त, महत्व, व्रत कथा (Putrada Ekadashi Vrat Katha) और पूजन विधि.

पुत्रदा एकादशी

नई दिल्ली. 24 जनवरी 2021 यानी रविवार को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2021) है. पौष मास में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) कहा जाता है. हिन्दू धर्म में पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व (Putrada Ekadashi Significance) है और सभी व्रतों में सबसे ज्यादा महत्व एकादशी (Ekadashi 2021) का होता है.

  1. 24 जनवरी को है पुत्रदा एकादशी
  2. पुत्रदा एकदाशी पर भगवान विष्णु की होता है पूजा
  3. पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखने से होती है संतान की प्राप्ति

इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी पर विधि-विधान से व्रत (Putrada Ekadashi Vrat) रखने पर संतान की प्राप्ति होती है.

पुत्रदा एकादशी 2021 (Putrada Ekadashi 2021)

पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार आती है. पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) सावन और पौष मास (Paush Maas) में पड़ती है. जानिए पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi Muhurat), महत्व, व्रत कथा (Putrada Ekadashi Vrat Katha) और पूजन विधि.

यह भी पढ़ें- Vastu Tips: पूजा-पाठ की इन चीजों को जमीन पर रखना होता है अशुभ, रुक जाती है बरकत

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi 2021 Shubh Muhurat)

पुत्रदा एकादशी व्रत का आरंभ 23 जनवरी, शनिवार को रात 08 बजकर 55 मिनट पर होगा और व्रत की समाप्ति 24 जनवरी, रविवार को 10 बजकर 56 मिनट पर होगी. व्रत पारण 25 जनवरी, सोमवार को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक होगा.

पुत्रदा एकादशी का महत्व (Putrada Ekadashi 2021 Significance)

पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2021) के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि जो जातक पुत्रदा एकादशी पर विधि-विधान से व्रत रखता है, भगवान विष्णु उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस दिन व्रत रखने से व्रती को योग्य संतान की प्राप्ति भी होती है.

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा (Putrada Ekadashi 2021 Vrat Katha)  

धार्मिक कथाओं के अनुसार, भद्रवती राज्य में सुकेतुमान नाम का राजा राज किया करता था. राजा की पत्नी का नाम शैव्या था. दोनों की कोई संतान नहीं थी. इस वजह से राजा और रानी उदास रहा करते थे. एक दिन सुकेतुमान सब कुछ त्याग कर जंगल में जला गया. वहां राजा एक तालाब के किनारे बैठ कर मृत्यु के बारे में सोचने लगा. वहां पर ऋषि-मुनियों के आश्रम बने हुए थे. राजा आश्रम में गया और उसे देखकर ऋषि-मुनि प्रसन्न हो गए. उन्होंने राजा से उसकी इच्छा पूछी.

राजा ने ऋषि-मुनि को बताया कि कोई संतान न होने की वजह से वे चिंतित रहते हैं. राजा की बात सुनकर ऋषि-मुनि ने राजा को पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखने के लिए कहा. ऋषि मुनि की बात को मानकर राजा ने विधि-विधान से पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा और द्वादशी को पारण किया. इसके कुछ समय पश्चात ही रानी ने गर्भ धारण किया और नौ माह बाद राजा-रानी को पुत्र की प्राप्ति हुई.

यह भी पढ़ें- आस्था और विश्वास का केंद्र है सोमनाथ मंदिर, जानिए इसका इतिहास और रहस्य

पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि (Putrada Ekadashi 2021 Puja Vidhi)

1. पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.

2. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

3. भगवान विष्णु को पवित्र जल से स्नान कराएं.

4. फिर भगवान विष्णु को पुष्प चढ़ाएं और उनके सामने घी का दीपक रखें.

5. उसके बाद सच्चे और साफ मन से व्रत का संकल्प लें.

6. भगवान विष्णु को धूप, दीप अर्पित करें और भोग लगाएं.

7. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें.

8. शाम के समय कथा का पाठ करें.

धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

VIDEO

Trending news