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नई दिल्ली: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का पर्व नजदीक है. भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक रक्षा बंधन के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. भाई के लिए खूबसूरत राखियां और बहन के लिए शानदार तोहफे खरीदे जा रहे हैं. सावन महीने (Sawan Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Purnima) को मनाया जाने वाला यह पर्व इस साल 22 अगस्त 2021 को है. इस त्योहार पर बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनके सुखद भविष्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं. हालांकि इसके लिए यह भी जरूरी है कि राखी शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में बांधी जाए.
22 अगस्त के दिन सुबह 06:15 से सुबह के 10:34 तक शोभन योग रहेगा और शाम को 07:39 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा. इस दिन के सुबह 05:50 से लेकर शाम के 05:58 तक कभी भी राखी बांध सकते हैं.
अभिजीत मुहूर्त: - दोपहर 12:04 से 12:58 मिनट तक
अमृत काल: - सुबह 09:34 से 11:07 तक
ब्रह्म मुहूर्त: - 04:33 से 05:21 तक
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वैसे तो इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा काल का साया नहीं है. ऐसे में 22 अगस्त को बताए गए समय के दौरान लगभग पूरे दिन ही राखी बांधी जा सकती है. यदि किसी कारणवश रक्षा बंधन के दिन राखी न बांधी जा सके तो जन्माष्टमी के दिन तक राखी बांधी जा सकती है लेकिन इस दौरान भी भद्रा काल (Bhadra Kaal) का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. राखी बांधने के लिए भद्रा काल का समय बहुत अशुभ रहता है. इस साल रक्षा बंधन के दिन (22 अगस्त) भद्रा काल न पड़कर अगले दिन 23 अगस्त को सुबह 05:34 से सुबह के 06:12 तक रहेगा. इस समय में राखी न बांधें. भद्रा काल में सारे शुभ कार्य वर्जित होते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)