Ramayan Katha: इन तीन कारणों से हनुमान जी के साथ लंका से नहीं गईं माता सीता, साथ जाने से कर दिया था मना
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Ramayan Katha: इन तीन कारणों से हनुमान जी के साथ लंका से नहीं गईं माता सीता, साथ जाने से कर दिया था मना

Ramayan Katha: हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान श्री राम के लाखों भक्त हैं. ऐसे में रामायण कथा का श्रवण घर-घर में किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम के नाम के सुमिरन मात्र से ही व्यक्ति के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. ऐसे में आज हम जानते हैं रामायण से जुड़ा एक किस्सा, जिसमें माता सीता ने लंका से आने को मना कर दिया था. 

 

ramayan katha

Ram Ji Or Sita Mata: सनातन धर्म  में भगवान श्री राम सबसे ज्यादा आराध्य देवी-देवताओं में से एक माने जाते हैं. प्रभु श्री राम के नाम में ही इतनी ताकत है कि व्यक्ति के जीवन के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. ऐसे में घर-घर में रामायण का श्रवण किया जाता है. सिर्फ रामायण के श्रवण करने से ही व्यक्ति का जीवन तर जाता है, भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त होती है. आज हम रामायण में वर्णित उस किस्से के बारे में  जानेंगे, जिसमें माता सीता ने लंका से हनुमान जी के साथ आने से इंकार कर दिया था. सीता माता की खोज में जब हनुमान जी लंका पहुंचे, तो सीता जी ने उनके साथ जाने से मना कर दिया. धार्मिक मान्यता के अनुसार माता सीता के मना करने के पीछे कई वजह बताई जाती हैं. 

जानें हनुमान जी के साथ लंका से क्यों नहीं गईं थी माता सीता

किया पतिव्रत धर्म का पालन 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब रावण माता सीता को हर कर ले गया था, तो उन्हें अशोक वाटिका में रख था. अशोक वाटिका में माता सीता को बचाने के लिए हनुमान जी आते हैं, लेकिन मां सीता ने अपने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए, उनके साथ जाने से मना कर दिया था. वाल्मिकी रामायण के अनुसार अगर माता सीता हनुमान जी के साथ चली जाती, तो ये उनके पतिव्रत धर्म के विरुद्ध होता है. अपनी इच्छा से वे किसी अन्य पुरुष को स्पर्श नहीं कर सकती थीं. अगर वे ऐसा करती तो उनका पतिव्रत भंग हो जाता. 

रावण का होना था पतन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सीता माता ये बात जानती थी कि रावण का अंत भगवान श्री राम के हाथ से ही होना है. रावण के अंत के लिए ही भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में जन्म लिया है. ऐसे में अगर ने हनुमान जी के साथ चली जाती, तो श्री राम का उद्देश्य अधूरा रह जाता. रावण के अंत और अधर्म पर धर्म की जीत के लिए श्री राम का लंका आना बहुत जरूरी था. इस वजह से  भी देवी सीता ने हनुमान जी के साथ जाने से इंकार कर दिया था.    

श्री राम की शक्ति का सम्मान

ग्रंथों के अनुसार माता सीता का हनुमान जी के साथ जाने से इंकार करने का तीसरा कारण श्री राम की शक्ति के प्रति सम्मान था. अगर वे लंका से हनुमान जी के साथ चली जाती, तो इतिहास में भगवान श्री राम निर्बल कहलाते. इसके साथ ही, माता सीता को लंका से बचाने के लिए हनुमान जी की प्रशंसा होती. ऐसे में उन्होंने मर्यादा की रक्षा के लिए ये कदम उठाया. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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