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नई दिल्ली: हमेशा भगवान (God) की पूजा (Puja) करते समय उनके सामने दीप प्रज्वलित किया जाता है. यहां तक कि तुलसी, बरगद आदि के पेड़ के नीचे भी दीया जलाया जाता है. शाम के वक्त दीया (Diya) लगाकर ही संध्यावंदना किया जाता है. कभी सोचा है कि दीया क्यों जलाया जाता है. धर्म-शास्त्रों समेत ज्योतिष में भी दीया जलाने के कई महत्व बताए गए हैं. आज दीया जलाने के कारण और लाभ जानते हैं.
दरअसल, दीपक की रोशनी में भगवान खुद होते हैं और अग्नि पंच तत्वों में से एक है. ऐसे में भगवान की पूजा करते समय दीया जलाने से सारी परेशानियां, दुख, अंधकार दूर हो जाते हैं. भगवान सारे दुख हर लेते हैं और जिंदगी में खुशियां भर जाती हैं. दीपक जलाने से माहौल में सकारात्मकता आती है.
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- हर शुभ कार्य या पूजन-पाठ करते समय देसी घी या तेल का दीया लगाकर भगवान की प्रार्थना करना चाहिए.
- ज्योतिष के अनुसार बिना कारण डर लगने या अनजान डर सताने पर हर सोमवार और शनिवार को सरसों के तेल का दीया जलाएं. इससे डर और शत्रु दोनों का नाश होता है.
- बाल गोपाल के आगे रोजाना दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- राहु-केतु के दोष से मुक्ति के लिए सुबह-शाम घर के मंदिर में अलसी के तेल का दीपक जलाएं.
-शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.
- घर के मंदिर में रोजाना दीपक जलाने से समाज में मान-सम्मान मिलता है. सूर्य को जल चढ़ाकर दीप दिखाने से बहुत लाभ होता है.
- मां लक्ष्मी के सामने सात मुखी यानी सात बत्तियों वाला दीपक जलाने से धन संबंधी सारी परेशानियां दूर होती है.
- मां सरस्वती के सामने दो बत्तियों जलाने से बुद्धि तेज होती है और यश मिलता है.
- बुधवार के दिन भगवान गणेश के सामने तीन मुखी देसी घी का दीपक जलाने से घर-धान्य बढ़ता है. धन लाभ के नए रास्ते खुलते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)