Kuldevta Puja: मांगलिक कार्य से पहले क्यों पूजे जाते हैं कुलदेवता? क्या है महत्व; नाराजगी से झेलने पड़ते हैं ये परिणाम
Advertisement
trendingNow12150834

Kuldevta Puja: मांगलिक कार्य से पहले क्यों पूजे जाते हैं कुलदेवता? क्या है महत्व; नाराजगी से झेलने पड़ते हैं ये परिणाम

Kuldevta Kyu Puje Jaate Hain: हिन्दू धर्म रीति रिवाजों को माना जाता है. कई परंपराएं तो ऐसी हैं जो पूर्वजों के दौर से चली आ रही हैं. इन्हीं में से एक है कुलदेवी या देवता का पूजन. आपने देखा होगा कि हर मांगलिक कार्य से पहले कुलदेवताओं की पूजा की जाती है. इसके पीछे बहुत कारण हैं.

Kuldevta Puja: मांगलिक कार्य से पहले क्यों पूजे जाते हैं कुलदेवता? क्या है महत्व; नाराजगी से झेलने पड़ते हैं ये परिणाम

Kuldevta Puja: हिन्दू धर्म में बहुत सारे रीति रिवाजों को माना जाता है. कई परंपराएं तो ऐसी हैं जो पूर्वजों के दौर से चली आ रही हैं. इन्हीं में से एक है कुलदेवी या देवता का पूजन. आपने देखा होगा कि हर मांगलिक कार्य से पहले कुलदेवताओं की पूजा की जाती है. इसके पीछे बहुत कारण हैं. आइए जानते हैं कुलदेवी-देवता कौन होते हैं, क्यों पूजा की जाती है और इनकी नाराजगी से क्या परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.

 

कौन होते हैं कुलदेवी-देवता?

हर किसी समुदाय या फिर कुल के अलग-अलग कुलदेवी-देवता होते हैं. कुलदेवी-देवता दो शब्दों से मिलकर बना है कुल और देवी या देवता. कुल का मतलब होता है खानदान. वह देवी या देवता जो किसी कुल या फिर खानदान की खास देवी-देवता होते हैं उन्हें कुलदेवी-देवता कहा जाता है. जीवन के हर मांगलिक कार्य में इनका पूजा उपासना की जाती है. हर किसी कुल के देवी या देवता का निर्धारण पूर्वजों ने किया था. उस समय वह एक माध्यम थे जिसके जरिए पूर्वज अपनी मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचाते थे.

 

कुलदेवी-देवता के पूजन का महत्व

- कुलदेवी-देवता के पूजन से परिवार में सकारात्मकता बनी रहती है और आपसी क्लेश दूर होते हैं. इस कारण से नए शादीशुदा जोड़े को कुलदेवी-देवता के दर्शन कराए जाते हैं ताकि उनका वैवाहिक जीवन खुशहाली के साथ बीते.

- कुलदेवी-देवता के पूजन से उनका आशीर्वाद बना रहता है. कार्यों में बाधा नहीं आती है और तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं.

- शादी-विवाह में कुलदेवी-देवता को जरूर आमंत्रित किया जाता है और आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है ताकि कुल की सुख-समृद्धि बनी रहे.

- बच्चे के जन्म के बाद भी उसे कुलदेवी-देवता के दर्शन के लिए लेकर जाया जाता है ताकि उनकी कृपा से बच्चे का जीवन अच्छा रहे और समस्याएं दूर हो जाएं.

 

यह भी पढ़ें: 11 मार्च का पंचांग: सोमवार का पंचांग, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल

कुलदेवी या देवता की पूजा के बिना अधूरा है मांगलिक कार्य

कुलदेवी-देवता परिवार की रक्षा करते हैं और उनके आह्वाहन के बिना हर के मांगलिक कार्य अधूरा होता है. अगर कुलदेवी-देवता नाराज हो जाते हैं तो परिवार में काफी सारी मुश्किलें आ जाती हैं, संकटो से घिर जाता है और बनते काम बिगड़ने शुरू हो जाते हैं.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news