Sawan Month Saturday: सावन के आखिरी शनिवार को 5 Zodiac Sign वाले कर लें एक काम, Shani के प्रकोप से मिलेगी राहत
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Sawan Month Saturday: सावन के आखिरी शनिवार को 5 Zodiac Sign वाले कर लें एक काम, Shani के प्रकोप से मिलेगी राहत

सावन (Sawan) महीने में की गई पूजा-अभिषेक, उपाय कई गुना ज्‍यादा फल देते हैं. वहीं शनि देव (Shani Dosh) के प्रकोप से राहत पाने के लिए सावन महीने का शनिवार बहुत ही अच्‍छा माना जाता है. 

Sawan Month Saturday: सावन के आखिरी शनिवार को 5 Zodiac Sign वाले कर लें एक काम, Shani के प्रकोप से मिलेगी राहत

नई दिल्‍ली: 22 अगस्‍त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) मनाने के साथ ही सावन (Sawan) महीना खत्‍म हो जाएगा. इससे एक दिन पहले 21 अगस्त को आज इस पवित्र महीने का आखिरी शनिवार (Saturday) है. सावन महीने का हर दिन अहम होता है और इस समय में किए गए उपाय (Remedy) बहुत लाभ देते हैं. ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शनि दोष (Shani Dosh) है या वे राशियां (Zodiac Sign) जिन पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या चल रही है, वे सावन के इस आखिरी शनिवार में एक उपाय कर लें तो उन्‍हें बहुत राहत मिलेगी. इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. धर्म-ज्‍योतिष के मुताबिक शिव जी की पूजा करने से शनि का बुरा असर कम होता है. 

  1. आज है सावन महीने का आखिरी शनिवार 
  2. शिव जी का करें अभिषेक 
  3. शनि के प्रकोप से मिलेगी राहत 

शिवलिंग पर चढ़ाएं गंगा जल 

सावन के आखिरी शनिवार को शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं. यदि गंगा जल न हो तो सामान्‍य जल ही अर्पित करें, इससे शिव जी प्रसन्‍न होकर विशेष कृपा करते हैं. हो सके तो जल के अलावा दूध-दही, घी, शहद आदि पंचामृत से अभिषेक करें और फिर से गंगा जल या जल अर्पित करें. शिव को सफेद कपड़े और जनेऊ अर्पित करें. 

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शिवजी की आरती 

शिव जी का अभिषेक करने, वस्‍त्र-जनेऊ अर्पित करने के बाद उनकी आरती जरूर करें. आरती करने से पूजा-अभिषेक का पूरा फल मिलता है. 

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा .
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे .
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे.
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी .
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे .
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता .
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका .
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी .
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे .
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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