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नई दिल्ली: सभी सनातन धर्मियों के घरों में बने मंदिरों में श्रीकृष्ण (Shri Krishna) या भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की मूर्ति अवश्य होती है. जिसकी विधि विधान से पूजा कर लोग अपनी दिनचर्चा की शुरुआत और अंत करते हैं.
धर्म ग्रंथों के मुताबिक अगर आपके घर के मंदिर में भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की मूर्ति है तो उनकी पूजा करने (Lord Vishnu Worship Method) में कई चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार लोगों को उनकी पूजा में अक्सर होने वाली कई कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.
सबसे पहले दिन की शुरुआत होते ही पूजा करने वाले व्यक्ति (Lord Vishnu Worship Method) को स्नान करना चाहिए. उसके बाद भगवान विष्णु और बाल गोपाल को स्नान करवाकर भोग लगाना चाहिए. उन्हें भोग लगाए बिना खुद भोजन कर लेने से परिवार की बरकत रुक जाती है और कई तरह की परेशानियां घर को घेर लेती हैं.
जब आप भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और श्री कृष्ण (Shri Krishna) की पूजा करने बैठें तो ध्यान रखें कि सिले हुए या गंदे वस्त्र न पहने हों. इसके बजाय पुरुष धोती और महिलाएं साड़ी पहनकर पूजा कर सकती हैं.
पूजा करते हुए यह बात भी ध्यान रखना जरूरी है कि पुराने फूल भगवान की मूर्ति पर नहीं चढ़ाए जाने चाहिए. इसके बजाय पेड़ से तोड़े ताजे फूल या खरीदे हुए भी भगवान की मूर्ति पर चढ़ाएं. यह भी याद रखें कि बासी फूल भगवान के पास नहीं रहने दें. भगवान के गले में डाली हुई माला भी हर दिन बदल देनी चाहिए.
जब भी आप पूजा करने बैठें तो तुलसी का एक पत्ता नियमित रूप से भगवान की मूर्ति के सिर पर अवश्य डालें. साथ ही प्रसाद में तुलसी के पत्तों को शामिल करें. बिना तुलसी के होने वाली पूजा अधूरी मानी जाती है और भगवान भी इसे स्वीकार नहीं करते.
भगवान का पूजन करते समय अपने मुख को शुद्ध रखें. पूजा शुरू करने से पहले आचमन कर लें और पूजन के समय मुंह में कुछ भी न रखें.
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भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा (Lord Vishnu Worship Method) में घी के दीप का बड़ा महत्व माना गया है. इसलिए जब भी आप पूजा करें, तब एक दीपक जरूर जलाएं. ऐसा करने से अंधकार रूपी समस्याओं का अंत होता है और जिंदगी में उजाला रूपी खुशियों का उदय होता है.
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