Astro Tips: महिलाओं को ज्वेलरी से बहुत प्यार होता है. आपने औरतों को तरह-तरह के ज्वेलरी इस्तेमाल करके देखा होगा लेकिन कभी भी किसी औरत को सोने की पायल पहनते हुए नहीं देखा होगा. आइए जानते हैं कि सोने की पायल क्यों नहीं पहनी जाती है?
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Sone ki Payal: ज्यादातर महिलाओं में देखा जाता है कि वह आभूषण को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित होती हैं. दुनिया में तरह-तरह के आभूषण आते हैं. इन्हें बनाने के लिए सोने, चांदी, प्लेटिनम और हीरे जैसी महंगी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है. यह धातु आमतौर पर काफी महंगे होते हैं जिन्हें हर कोई नहीं खरीद सकता है. महिलाओं की ज्वेलरी से जुड़ी एक रोचक बात हम आपको यहां बताने जा रहे हैं. आपने महिलाओं को तरह-तरह की ज्वेलरी पहनते हुए देखा होगा लेकिन कभी भी सोने की पायल उनके पैरों में नहीं देखी होगी. आइए जानते हैं कि पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहनी जाती है?
क्यों नहीं पहनी जाती सोने की पायल?
हिंदू धर्म में महिलाओं के आभूषणों को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है जिसमें हर आभूषण की अपनी एक जरूरत बताई गई है लेकिन जब सोने के पायल के बाद आती है, तब कहा जाता है कि सोना भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है. सोने को माता लक्ष्मी से जोड़कर भी देखा जाता है जो कि भगवान विष्णु की पत्नी हैं. ऐसा कहा जाता है कि कमर के नीचे सोने का कोई भी आभूषण नहीं धारण करना चाहिए. वरना इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अपमान होता है और देवता आप से रुष्ट हो जाते हैं.
क्या है इसका वैज्ञानिक कारण?
आभूषणों को धारण करते हुए यह वैज्ञानिक तर्क दिया जाता है कि सोना उष्मा पैदा करता है जबकि चांदी ठंडक देती है. ऐसे में शरीर के नीचे चांदी पहनना ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि वह शरीर के तापमान को नियत रखती है जिससे कई बीमारियां हमसे दूर रहती हैं लेकिन जब हम सोने को धारण करते हैं तो शरीर का तापमान अपना नियंत्रण खो देता है और हम बीमार रहने लगते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)