पुरातत्व वैज्ञानिकों ने मेंढकों की ऐसी प्रजाति की खोज की है जो पृथ्वी पर 27 करोड़ साल से भी ज्यादा समय पहले मौजूद थी. इस खोज से हमें मेंढकों और सैलामैंडर्स के बारे में काफी सारी नई जानकारियां मिल सकती हैं.
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Ancient Amphibian Species Discovery: वैज्ञानिकों ने प्राचीन उभयचरों के पूर्वज की एक प्रजाति की खोज की है. इसे 'केर्मिटॉप्स ग्रैटस' (Kermitops gratus) नाम दिया गया है. इसकी खोज 27 करोड़ साल पुराने जीवाश्म से हुई है. तब तक धरती पर मानव जैसे आधुनिक प्राणी की उत्पत्ति नहीं हुई थी. मानवों का इतिहास करीब 20 लाख साल पुराना है. ऐसा माना जाता है कि प्रागैतिहासिक जीव धरती के शुरुआती असली उभयचरों में से एक हैं. उन्होंने जीवन के पानी से जमीन का रुख करने में अहम भूमिका की थी. यह जीवाश्म जो कि एक खोपड़ी है, 40 साल पहले अमेरिका के टेक्सास में खोजा गया था. हालांकि, अब तक यह स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के फॉसिल कलेक्शन में पड़ा हुआ था. 2021 में म्यूजियम के पेलियोन्टोलॉजिस्ट डॉ अर्जन मान की नजर उसपर पड़ी. इसके बाद, वैज्ञानिकों ने करीब ढाई इंच लंबी जीवाश्म खोपड़ी के अवशेषों की स्टडी की. इस जीव की बड़ी और अंडाकार आकार की आंखें थीं. ये जीव डायनासोर से भी पुराने हैं. माना जाता है कि आज से 29-27 करोड़ साल पहले इनका अस्तित्व था.
इस जीवाश्म खोपड़ी पर की गई स्टडी जूलॉजिकल जर्नल ऑफ लिनियन सोसायटी में छपी है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नई उभयचर प्रजाति की खोज से हमें मेंढकों और सैलामैंडर्स के इवोल्यूशन का आइडिया मिल सकता है.
डॉ मान के मुताबिक, केर्मिटॉप्स से हमें यह पता चलता कि आधुनिक उभयचरों की उत्पत्ति हमारी समझ से कहीं ज्यादा जटिल थी. इस खोपड़ी के एनालिसिस से रिसर्चर्स को पता लगा कि उसके फीचर्स पुराने चौपायों की खोपड़ी से अलग हैं. चौपायों को उभयचरों और अन्य जीवित कशेरुकियों का पूर्वज माना जाता है. उभयचरों और उनके पूर्वजों का शुरुआती जीवाश्म रिकॉर्ड दुर्लभ है. इससे यह समझना मुश्किल हो जाता है कि मेंढक, सैलामैंडर और उनके रिश्तेदारों की उत्पत्ति कैसे हुई.
केर्मिटॉप्स को मेंढक के रूप में क्वालीफाई नहीं किया गया है क्योंकि ये उनकी एनॉटमी और अन्य विशेषताएं आधुनिक मेंढकों से अलग हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को लगता है कि यह प्रजाति टेम्नोस्पोंडिल्स ग्रुप से है जिन्हें सभी तरह के लिसाम्फिबिया का सबसे आम पूर्वज माना जाता है. मान के अनुसार, लिसाम्फिबिया में मेंढक, सैलामेंडर और सिसिलियन आते हैं.
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केर्मिटॉप्स में दांत और उभयचरों की अन्य आधुनिक विशेषताएं मौजूद हैं. 2021 की एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि मेंढकों की कुछ प्रजातियों ने बीच-बीच में अपने दांत खो दिए थे. केर्मिटॉप्स जीवाश्म के फीचर्स में प्रागैतिहासिक और आधुनिक खासियतों का मिश्रण वैज्ञानिकों की उस सोच को मजबूत करता है कि उभयचरों का विकास काफी जटिल था.