Anteosaurus: वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता! धरती पर तबाही मचाने वाले 'किलिंग मशीन' डायनासोर की हुई पहचान
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Anteosaurus: वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता! धरती पर तबाही मचाने वाले 'किलिंग मशीन' डायनासोर की हुई पहचान

Anteosaurus: वैज्ञानिकों ने धरती पर ढाई करोड़ साल पहले तबाही मचाने वाले एक डायनासोर की पहचान कर ली है. यह डायनासोर (Dinosaur) देखने में आज के किसी हिप्पो के बराबर था, लेकिन पावर और स्पीड के मामले में इसका कोई तोड़ नहीं था. पढ़ें क्या कहते हैं वैज्ञानिक.

Anteosaurus

नई दिल्ली: ढाई करोड़ साल पहले धरती पर तबाही मचाने वाले एक डायनासोर (Dinosaur) की वैज्ञानिकों ने पहचान की है. यह डायनासोर देखने में आज के किसी हिप्पो के बराबर था, लेकिन ताकत और स्पीड के मामले में इसका कोई मुकाबला नहीं था. यह अकेले अपने दम पर उस जमाने के सभी डायनासोरों पर भारी पड़ता था. वैज्ञानिकों ने इसे एन्तेओसोरस (Anteosaurus) नाम दिया है. इसका शरीर भारी और सिर बहुत ही बड़ा था.

  1. वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता
  2. 'किलिंग मशीन' डायनासोर को वैज्ञानिकों ने पहचाना
  3. धरती पर तबाही मचाने वाले 'किलिंग मशीन' जीव की हुई पहचान

जबड़ों में थी बहुत ताकत

लाइव साइंस (Live Science) की रिपोर्ट के मुताबिक इस जानवर की खोपड़ी से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यह तेजी से किसी भी चीज को काट सकता था. इसके जबड़ों में गजब की ताकत और पैरों में स्पीड भी बहुत थी. जिससे वह अपने शिकार को तेज गति से दौड़ाकर पकड़ लेता था. स्पीड और पावर के इस खतरनाक संयोजन के कारण उस जमाने के हर जानवर जिसमें डायनासोर भी शामिल थे वे इस जीव से डरते थे.

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अफ्रीकी महाद्वीप पर था राज

इस अध्ययन के अनुसार आज से करीब 3 करोड़ साल से लेकर ढाई करोड़ साल तक इसका अफ्रीकी महाद्वीप पर एकछत्र साम्राज्य था. एन्तेओसोरस सरीसृप परिवार से संबंधित थे, जिसमें छिपकली, मगरमच्छ और लिजार्ड जैसे जीव आते हैं. ये जीव डायनासोर से भी पुराने शिकारी थे. इन्हें डिनोसेफेलियन के रूप में जाना जाता था. डिनोसेफेलियन जानवरों के एक बड़े समूह का हिस्सा थे, जिन्हें थैपिड्स कहा जाता था।

अंडों से निकलते थे ये जानवर

दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में विटवेटर्स्रैंड (विट्स यूनिवर्सिटी) के इवोल्यूशनरी स्टडीज इंस्टीट्यूट (senior researcher at the Institute of Evolutionary Studies) के एक वरिष्ठ शोधकर्ता लियन बेनोइट (Lian Benoit) ने कहा कि डिनोसेफेलियन धरती के पारिस्थितिक तंत्र पर हावी होने वाली पहली शाकाहारी और मांसाहारी प्रजातियों में से थे. शोध कहता है कि ये जानवर जमीन पर रखे अंडों से पैदा होते हैं और लंबे समय तक मां के शरीर के अंदर बनाए एक खोल में रहते थे।

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पुरानी स्टडीज हुई खारिज

शोधकर्ता के अनुसार, अपने भारी सिर के जरिए ये शिकार भी किया करते थे. एन्तेओसोरस का कंकाल इतना विशाल था कि शोधकर्ताओं ने पहले अनुमान लगाया कि यह एक धीमी गति से चलने वाला जानवर रहा होगा जो संभवत घात लगाकर अपने शिकार पर हमला करता होगा। लेकिन इस स्टडी से यह खुलासा हुआ है कि यह जानवर अपने बनावट के कारण तेजी से चलने में सक्षम था.

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