Super-Earth Gliese 486b: NASA की मदद से एस्ट्रोनॉमर्स को मिली नई चट्टानी 'सुपर-अर्थ', इस ग्रह पर मिलेंगे एलियन जीवन के निशान!
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Super-Earth Gliese 486b: NASA की मदद से एस्ट्रोनॉमर्स को मिली नई चट्टानी 'सुपर-अर्थ', इस ग्रह पर मिलेंगे एलियन जीवन के निशान!

Super-Earth Gliese 486b: वैज्ञानिकों को एक ऐसा ग्रह मिला है जो लाल बौने सितारे Gliese 486 का चक्कर काट रहा है. इसकी सतह का तापमान 428 डिग्री सेल्सियस है जो Venus से थोड़ा ही कम है. एस्ट्रोनॉमर्स ने उम्मीद जताई है कि यहां जीवन की मौजूदगी से जुड़े प्रमाण भी मिल सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर. 

Super-Earth Gliese 486b

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों को एक नया 'सुपर-अर्थ' (Super Earth) जैसा ग्रह मिला है. साइंटिस्ट इसके वायुमंडल में एलियन के जीवन की संभावना की उम्मीद लगाए हैं. इस ग्रह पर सतह का तापमान शुक्र ग्रह (Venus) से थोड़ा कम है. मैक्स-प्लैंक इंस्टिट्यूट (Max Planck Society) के एस्ट्रोनॉमर्स (Astronomers) ने 26 प्रकाश वर्ष दूर लाल बौने सितारे का चक्कर काटते हुए इस ग्रह को खोजा है.

  1. ऐस्ट्रोनॉमर्स को मिली नई चट्टानी 'सुपर-अर्थ'
  2. इस उबलते ग्रह पर मिल सकते हैं एलियन के जीवन के निशान
  3. इस ग्रह की लोहे-सिलिकेट की बनावट धरती जैसी है

एस्ट्रोनॉमर्स ने उम्मीद जताई 

गौरतलब है कि Gliese 486b नाम के इस ग्रह का रेडियस धरती से 1.3 गुना ज्यादा है लेकिन इसका मास 2.8 गुना ज्यादा है. आपको बता दें कि इस ग्रह को विशेष तरीके से खोजा गया है. इस स्टडी के नतीजे साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए हैं और एस्ट्रोनॉमर्स ने उम्मीद जताई है कि यहां जीवन की मौजूदगी से जुड़े प्रमाण भी मिल सकते हैं.

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क्या है इस ग्रह पर

खोज करने वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ग्रह की लोहे-सिलिकेट की बनावट धरती जैसी है लेकिन इसका पृथ्वी से कहीं तापमान कहीं ज्यादा है. इसकी सतह का तापमान 428 डिग्री सेल्सियस है जबकि शुक्र की सतह का तापमान 450 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है. बावजूद इसके यह पूरी तरह लावा में तब्दील नहीं हुआ है लेकिन यहां लावा बहता है.

क्या जीवन है मुमकिन 

एस्ट्रोनॉमर्स के मुताबिक यह जानने के लिए कि क्या इस ग्रह पर वायुमंडल है और क्या यहां जीवन मुमकिन है? अभी बहुत अध्ययन की जरूरत है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यहां जीवन हो सकता है लेकिन किस प्रकार का, यह कहना अभी मुश्किल है.

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कैसे की गई खोज?

ज्यादातर exoplanet की खोज दो तरह से होती है. ट्रांजिट फोटोमेट्री और डॉपलर रेडियल वेलॉसिटी. ट्रांसिट फोटोमेट्री में ग्रह के सामने से निकलने पर सितारे की चमक में आए बदलाव को देखा जाता है. डॉपलर फोटोमेट्री में चक्कर काट रहे ग्रह के गुरुत्वाकर्षण का सितारे पर असर देखा जाता है. Gliese 486b की खोज के लिए ट्राइफन ट्राइफनोव और उनके साथियों ने दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया है जिससे ग्रह के द्रव्यमान, रेडियस और घनत्व के बारे में पता चल सका है.

धरती और सुपर अर्थ 

स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद से इसमें मौजूद केमिकल्स और बायोमेकर्स को खोजा जा सकता है जिससे जीवन की संभावना का पता चल सके. Gliese 486b अपने सितारे Gliese 486 का एक चक्कर 1.467 दिन में काटता है. इस ग्रह का घनत्व धरती जैसा है. रिसर्चर्स ने अपने पेपर में बताया है कि इसका द्रव्यमान और रेडियस इसे धरती और 'सुपर-अर्थ' ग्रहों के बीच में रखता है.

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