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नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया (Australia) के वैज्ञानिक और डॉक्टर एक ऐसी सीरियल किलर मां को माफी देने की बात कर रहे हैं, जिस पर अपने ही बच्चों की हत्या का दोष साबित हुआ है. इस सीरियल किलर का नाम कैथलीन फॉलबिग (Kathleen Folbigg) है. कैथलीन को 2003 में अपने 4 बच्चों की हत्या का दोषी करार दिया गया था. इसे ‘आस्ट्रेलिया की सबसे खतरनाक महिला सीरियल किलर’ भी कहा जाता है. लोगों को उन्हें क्षमा कर देने की अचानक उठी मांग पर हैरानी हो रही है. लेकिन देखिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक.
कई साल पहले कैथलीन फॉलबिग पर अपने चार बच्चों की हत्या करने का आरोप लगा था. फॉलबिग के चार बच्चों में पैट्रिक, सारा, सलेब और लारा एलिजाबेथ थे. कैथलीन ने 1990 से 1999 के बीच इन बच्चों को मारा था. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इनमें सबसे छोटा बच्चा सलेब था जो हत्या किए जाने के समय 19 दिन का था. वहीं सबसे बड़ी लारा एलिजाबेथ 19 महीने की थी.
2003 से अब तक कैथलीन ने 18 साल जेल में बिताए हैं. डेली मेल के रिपोर्टों के अनुसार 1990 से लेकर 1999 के बीच वह मानसिक तनाव और गुस्से की समस्या से जूझ रही थी. लोगों का मानना है कि इसी वजह से उसने अपने इन चारों बच्चों की हत्या कर दी. हालांकि कैथलीन ने हमेशा से इन आरोपों को खारिज किया है. उसका कहना है कि उसके बच्चों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, ना कि उनकी वजह से.
कैथलीन को दोषी करार दिए जाने के लिए Circumstantial Evidences यानी परिस्थितियों पर आधारित साक्ष्यों का सहारा लिया गया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इसके खिलाफ सीधे सबूत नहीं थे. ऐसे में घटना को साबित करने के लिए उस समय और स्थान के आसपास होने वाली परिस्थितियों से निष्कर्ष निकाला जाए और उसे ही सबूत मान लिया गया.
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कैथलीन के केस में उनकी डायरी से ऐसी कई बातें पता चलीं, जो उन्हें दोषी ठहराने में भूमिका निभाई. इस डायरी में कैथलीन अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों और घटनाओं को लिखा करती थीं. जब कैथलीन से उनकी डायरी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोई दैवीय शक्ति उनके बच्चों को उनसे दूर ले गई और उनकी डायरी में लिखी गई बातें, उन्हें एक मां के रूप में अपने बच्चों को खो देने के बाद के गम का प्रतीक हैं.
साल 2019 में कुछ लोगों ने कैथलीन को दोषमुक्त करार दिए जाने के लिए याचिका डाली थी. तब न्यू साउथ वेल्स सरकार ने रेजीनाल्ड ब्लॉक नाम के एक जज की देखरेख में जांच कराने का ऐलान किया थी. लेकिन उनकी 500 पन्नों की रिपोर्ट में भी कैथलीन को दोषी पाया गया था.
कैथलीन के लिए क्षमा मांग करने वालों में लगभग 90 डॉक्टर और वैज्ञानिक शामिल हैं. इनमें से दो नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं- पीटर डोहर्टी और एलिजाबेथ ब्लैकबर्न (Peter Doherty and Elizabeth Blackburn). इन लोगों का यह मानना है कि कैथलीन के चारों बच्चों की मौत एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी के कारण हुई है.
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने न्यू साउथ वेल्स के गवर्नर को एक याचिका सौंपी है. इसमें उन्होंने कैथलीन के साथ होने वाले “अन्याय” को रोकने की बात की है. उन्होंने लिखा है, “श्रीमती फॉलबिग का मुकदमा एक बड़ी ही खतरनाक मिसाल स्थापित कर देगा. इसका मतलब होगा कि Circumstantial Evidence, जिसकी व्याख्या अलग-अलग तरीके से की जा सकती हो, उसके आधार पर ठोस मेडिकल और वैज्ञानिक प्रमाणों को आसानी से अनदेखा किया जा सकता है.”
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डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कैथलीन की संतान सारा और लारा के डीएनए की Genetic Sequencing की तो देखा कि इन दोनों ने अपनी मां से एक आनुवंशिक लक्षण पाया है, जिसको कॉल्माड्युलिन 2 (CALM2) कहते हैं. दरअसल CALM2 एक जीन है, जो शिशुओं में कार्डियक अरेस्ट यानी दिल के दौरे का कारण बनता है.
कैथरीन के वकील का कहना है कि ये (CALM2) बच्चों और बड़ों में अचानक होने वाली मृत्यु का कारण हो सकता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए कई शोधों से पता चलता है कि कैथरीन के दो अन्य बच्चों पैट्रिक और सलेब की मृत्यु दूसरे प्रकार के आनुवंशिक रोगों से हुई होगी. रेगो का तर्क है कि हत्या जैसे मामलों में Circumstantial Evidences को वरीयता ना देकर मेडिकल प्रमाणों को वरीयता देनी चाहिए.
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