पहले से ज्यादा जानलेवा हो सकता है Coronavirus? अब वैज्ञानिकों को सता रहा COVID-22 का डर
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पहले से ज्यादा जानलेवा हो सकता है Coronavirus? अब वैज्ञानिकों को सता रहा COVID-22 का डर

COVID 22: एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि 'कोविड-22' स्ट्रेन डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक हो सकता है और इस पर वैक्सीन का भी असर नहीं होगा. अब तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे खतरनाक और संक्रामक माना जाता है.

पहले से ज्यादा जानलेवा हो सकता है Coronavirus? अब वैज्ञानिकों को सता रहा COVID-22 का डर

ज्यूरिक: कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा अभी टला नहीं है और इस बीच एक्सपर्ट्स ने एक नए सुपर स्ट्रेन (Super Strain) के खतरे की आशंका जताई है. इम्युनोलॉजिस्ट्स को डर है कि कोविड-22 (COVID 22) सुपर स्ट्रेन पहले से ज्यादा जानलेवा होगा और आने वाले समय में इसके मामले सामने आ सकते हैं.

  1. कोरोना के स्ट्रेन एक साथ मिलकर एक नये खतरे को पैदा कर सकते हैं. 
  2. डेल्टा म्यूटेशन विकसित करता है, तो महामारी का एक नया फेज देख सकते हैं.
  3. 'कोविड-22', डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक हो सकता है.

डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक 

एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि 'कोविड-22' स्ट्रेन डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक हो सकता है. अब तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे खतरनाक और संक्रामक माना जाता है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 'कोविड-22' नाम का नया वैरिएंट मौजूदा सबसे घातक डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

साल 2022 में कोविड का नया वैरिएंट?

कोविड-22 नाम या टर्म स्विटजरलैंड के ETH ज्यूरिक में Systems and Synthetic Immunology के एसोसिएट प्रोफेसर साई रेड्डी ने सबसे पहले इस्तेमाल किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साई रेड्डी ने चेतावनी दी है कि साल 2022 में कोविड का एक नया वैरिएंट सामने आ सकता है और ये बड़ा खतरा साबित होगा. हालांकि उन्होंने बस ​इसकी आशंका जताई है.

वैक्सीन का असर

इम्यूनोलॉजिस्ट डॉक्टर साई रेड्डी ने कहा कि हाल में सामने आए कोरोना के स्ट्रेन एक साथ मिलकर एक नये खतरे को पैदा कर सकते हैं. डॉक्टर रेड्डी ने ये आशंका भी जताई कि हो सकता है कि वैक्सीन भी इस पर काम न करे.

जर्मन अखबार Blick से बात करते हुए प्रोफेसर रेड्डी ने डेल्टा को कोविड-21 नाम दिया और कहा कि ये अभी सबसे ज्यादा संक्रामक स्ट्रेन है. उन्होंने कहा कि अगर बीटा या गामा वैरिएंट और ज्यादा संक्रामक हो जाते हैं या डेल्टा म्यूटेशन विकसित करता है, तो हम महामारी का एक नया फेज देख सकते हैं.

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वैक्सीन न लगाने वाले सुपर स्प्रेडर

 

डॉ रेड्डी ने कहा कि यह आने वाले समय में एक बड़ी समस्या बन सकती है. कोविड-22, जो हम वर्तमान में अनुभव कर रहे हैं,  इससे भी ज्यादा बदतर हो सकता है. उन्होंने कहा कि हाल में की गई स्टडी के नतीजे दिखाते हैं कि डेल्टा वैरिएंट का वायरल लोड बेहद ज्यादा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति, जिसने वैक्सीन नहीं लगवाई है और वो इसके संपर्क में आता है तो वह Super Spreader बन सकता है.

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