Dinosaurs Extinction: फिल्म जुरासिक पार्क में हम सबने डायनसोर को देखा है, फिल्म के जरिए हम सिर्फ कल्पना कर सकते हैं कि डायनासोर कितने खतरनाक रहे होंगे हालांकि अब कुछ शोधकर्ताओं ने इनके अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर डायनासोर रहे होते तो उनकी मौजूदगी ग्लोब के सिर्फ कुछ खास जगहों पर ही क्यों दिखाई दी.
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Dinosaurs History: क्या इस धरती पर कभी डायनासोर रहा करते थे. डायनासोर के अस्तित्व पर अब नए सिरे से सवाल उठाया गया है. सवाल यह है कि अगर डायनासोर रहे होते तो उनकी हड्डियां किसी खास हिस्से में क्यों मिलीं.हालांकि डायनासोर के अस्तित्व के हमारे पास मौजूद सभी सबूतों को नजरअंदाज करना भी अजीब आलोचना है. हमें उनके अस्तित्व के और भी सबूत नहीं मिले हैं, फिर भी यह एक मजेदार सवाल है, और जो कोई भी इसके बारे में जानना चाहता है सबसे पहले, डायनासोर के जीवाश्म सभी महाद्वीपों पर पाए गए हैं लेकिन वे समान रूप से वितरित नहीं हैं. ऐसा किसी विचित्र साजिश की वजह से नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जीवाश्मीकरण दुर्लभ है, और केवल खास हालात में होता है.
डायनासोर नहीं होने के पीछे का सिद्धांत
जब कोई जानवर मर जाता है, तो उसके जीवाश्म बनने के लिए उसे तलछट की कई और परतों से ढकने से पहले तलछट द्वारा दफनाने की आवश्यकता होती है. जैसे-जैसे दबाव बढ़ता है, वे अवसादी चट्टान बनाने के लिए संकुचित हो जाते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, खनिज बंद जानवरों की हड्डियों में रिस जाते हैं, जिससे वे पत्थर में बदल जाती हैं. अब इसके लिए जानवरों के शवों के ऊपर तलछट जमा होना जरूरी है. हमने जो भी जीवाश्म पाए हैं उनमें से लगभग सभी समुद्रों में पाए गए हैं जहां रेत और मिट्टी शरीर पर आ सकती है. जमीन के ऊपर मरने वाले डायनासोर शायद ही कभी जीवाश्म बन पाते हैं.
most conspiracy theories are just people convincing themselves their ignorance is some type inside secret knowledge
— Ali A Olomi (@aaolomi) September 12, 2023
क्या है सच
नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के डायनासोर शोधकर्ता डॉ. डेविड बटन ने अपनी वेबसाइट पर एक लेख में बताया कि अधिकांश डायनासोर के जीवाश्म उन जानवरों के हैं जो झील या नदी के पास रहते थे. क्षेत्र में बाढ़ आने से कुछ समय पहले ही कुछ की मृत्यु हो गई और उनके अवशेष कीचड़ और गाद में ढक गए. अन्य लोग भारी बारिश के कारण नदी में बह गए.यह बहुत अच्छा होगा यदि हम हर जगह डायनासोर पा सकें। निराशा की बात यह है कि जिस तरह से जीवाश्मों का उत्पादन किया जाता है, उसके कारण ऐसी कई प्रजातियां होने की संभावना है जिन्हें हम कभी नहीं खोज पाएंगे.
बटन ने कहा कि हम ऐसे कई डायनासोरों के बारे में नहीं जानते जो जंगल या पहाड़ के वातावरण में रहते थे. ऐसी स्थितियों में जीवाश्म बनने की संभावना बहुत कम है. 2006 में एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि लगभग 71 प्रतिशत डायनासोर अज्ञात थे. सैद्धांतिक रूप से कुछ पहाड़ी डायनासोरों को पहाड़ से नदी के तल में बहा दिया गया होगा जहां जीवाश्मीकरण हो सकता है लेकिन यह आम बात नहीं है. न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जीवाश्म विज्ञानी करेन पूले ने स्मिथसोनियन को बताया, "हालांकि इन क्षेत्रों में जानवरों के निचले इलाके के रिश्तेदार हो सकते हैं, लेकिन यह काफी संभव है कि वहां ऐसे वातावरण के लिए विशेष छोटे समूह थे जहां उनके जीवाश्म बनने की संभावना नहीं थी.