इंसान अब जल्द ही व्हेल से कर पाएंगे बात, वैज्ञानिकों ने खोज निकाली टेक्नीक
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इंसान अब जल्द ही व्हेल से कर पाएंगे बात, वैज्ञानिकों ने खोज निकाली टेक्नीक

आपको जानकर शायद अटपटा लग सकता है, लेकिन अब आप भी जल्द ही व्हेल (Whales) से बात कर सकते हैं. इसके लिए Artificial intelligence की मदद ली जा रही है, जो मरीन एनीमल्स आवाज को डिकोड करेगी.

इंसान भी बात कर पाएंगे व्हेल से  (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दुनिया में बहुत सी अजीबो-गरीब चीजें होती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही बात के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक खोज की है, जिसके मुताबिक इंसान जल्द ही व्हेल (Whales) से बात कर पाएंगे. तो चलिए आपको बताते हैं कि एक इंसान व्हेल से कैसे बात कर पाएगा.

  1. Artificial intelligence के जरिए व्हेल से बात होगी
  2. पांच साल में व्हेल के साथ बात कर पाएंगे
  3. व्हेल का दिमाग इंसानों से पांच गुना बड़ा होता है

कैसे होगा संभव?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक तरीका खोज निकाला है, जिससे कुछ ही सालों में इंसान भी व्हेल से बात कर पाएंगे. ऐसा संभव होगा एक Artificial intelligence से जो कि मरीन एनीमल्स द्वारा की गई, क्लिकिंग ध्वनियों को डिकोड करेगी और इन्हें एक लैंग्वेज मॉडल से जोड़ेगी, जो कि उनके साथ कम्यूनिकेट करने में मदद करेगा.

इस पहल को प्रोजेक्ट सीईटीआई (Cetacean Translation Initiative) का नाम दिया गया है और यह  प्रोजेक्ट खासतौर पर Sperm Whales से हर तरह का संचार करने जैसे सुनने, उनकी आवाजों की व्याख्या करने और वापस बात करने का प्रयास करने के लिए उपकरणों का उपयोग करेगा. यह प्रोजेक्ट हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंस का हिस्सा है. 

पांच सालों में बात करने में होंगे सक्षम

वैज्ञानिकों का दावा है कि हमारी टीम सिर्फ पांच सालों के भीतर स्पर्म व्हेल के साथ बात करने में सक्षम होने की उम्मीद करती है. शोधकर्ताओं के अनुसार, एआई को स्पर्म व्हेल की प्रत्येक ध्वनि को डिकोड करने की योजना है और इस उपलब्धि में कम से कम पांच साल लग सकते हैं.

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वैज्ञानिक अब तक चार अरब स्पर्म व्हेल के कोड्स और क्लिकिंग ध्वनियां एकत्र कर चुके हैं. यह सभी कोड्स Artificial intelligence में भर दिए जाएंगे और ये उम्मीद की जा रही है कि ये प्रोजेक्‍ट इन साउंड्स को उन लैंग्वेज में कन्वर्ट करने में सक्षम हो सकेगा जिसे इंसान समझ सकते हैं. वैज्ञानिक यदि स्पर्म व्हेल की ध्वनियों को सफलतापूर्वत डिकोड कर लेते हैं तो टीम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद एक इंटरैक्टिव चैटबॉट को विकसित करके और तैनात करना होगा जो जंगली स्पर्म व्हेल के साथ बातचीत करने में कामयाब हो जाए.

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वैज्ञानिकों के मुताबिक, स्पर्म व्हेल का दिमाग इंसानों से पांच गुना बड़ा होता है और स्पर्म व्हेल का ब्रेन पृथ्वी पर सबसे बड़ा भी माना जाता है. हालांकि व्हेल और इंसान दोनों के पास complex communication system होता है और दोनों ही परिवार समूहों में रहते हैं.

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