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नई दिल्ली. आपने साइंस फिक्शन फिल्मों में अंतरिक्ष और एस्ट्रोनॉट को जरूर देखा होगा. कई लोगों का सपना भी एस्ट्रोनॉट बनने का होता है. क्या आप जानते हैं कि अगर किसी एस्ट्रोनॉट की मौत अंतरिक्ष में हो जाए तो उसके शव का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है? पृथ्वी पर अंतिम संस्कार के लिए अलग-अलग तरीके हैं. लेकिन स्पेस में किसी की मौत हो जाने पर उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है ये हम आपको बताने जा रहे हैं. ये जानकारी एक अंतरिक्ष यात्री टेरी विट्रर्स (Terry Virts) ने दी है. उनके अनुसार किसी भी एस्ट्रोनॉट के लिए स्पेस में मौत से ज्यादा बुरा कुछ नहीं है.
आपको बता दें कि स्पेसक्राफ्ट में शव को स्टोर करने की कोई सुविधा नहीं होती. इसलिए एस्ट्रोनॉट के शव को धरती पर लाने के लिए मिशन खत्म होने का इंतजार करना भी पॉसिबल नहीं होता. इस वजह से एस्ट्रोनॉट के शव को एयरलॉक में पैक करके स्पेस में ही छोड़ दिया जाता है. स्पेस की ठंड के कारण वो आइस ममी (Ice Mummy) में बदल जाती है. इस बात का पता तब लगा जब NASA के अपोलो मिशन के दौरान बने स्पेस सूट का टेस्ट किया गया. स्पेस में प्रेशर की वजह से डेड बॉडी में विस्फोट भी हो जाता है.
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ये बात आपको पता होगी कि स्पेस में ग्रेविटी नहीं होती यानी वहां हर चीज हवा में तैरती रहती है. ऐसे में स्पेस में जब किसी शव को छोड़ा जाता है तो वो अनंत काल तक स्पेस में ही तैरता रहता है. एक्सपर्ट का कहना है कि स्पेस का आकार भी अनंत है और यहां शव लाखों करोड़ो साल तक रह सकता है.
अगर किसी एस्ट्रोनॉट की मौत स्पेस मिशन के दौरान हो जाती है तो उसके शव को पृथ्वी तक लाने में महीनों का समय लग जाता है. इसलिए शव को नष्ट करने के अन्य तरीकों के बारे में विचार किया जाता है. इन तरीकों में शव का स्पेस में छोड़ देना और मंगल ग्रह पर दफना देना शामिल है. लेकिन मंगल की सतह को खराब होने से बचाने के लिए शव को पहले जलाना पड़ेगा, ये काम बेहद रिस्की है. हालांकि इस बारे में अभी रिसर्च चल रही है. लेकिन किसी भी सूरत में शव को पृथ्वी पर नहीं लाया जा सकता.
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डेली स्टार में छपी एक खबर के अनुसार अब तक स्पेस में केवल तीन एस्ट्रोनॉट की मौत हुई है. एक स्वीडिश कंपनी प्रोमेसा 'अंतरिक्ष ताबूत' बनाने पर काम कर रही है, जो एस्ट्रोनॉट की डेड बॉडी को बर्फ के क्रिस्टल के फ्रीज-ड्राई टैबलेट में सेफ रखेगा. कनाडाई एस्ट्रोनॉट क्रिस हैड फील्ड इस बारे में कहते हैं कि वे उम्मीद करते हैं कि अगर मंगल ग्रह पर एस्ट्रोनॉट की मौत हुई है तो उसकी डेडबॉडी को पृथ्वी पर लाने के बजाय वहीं दफनाने के बारे में सोचेंगे.
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