Apple Shape: सेब का आकार क्यों होता है ऐसा? जानें इसके बारे में दिलचस्प फैक्ट्स
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Apple Shape: सेब का आकार क्यों होता है ऐसा? जानें इसके बारे में दिलचस्प फैक्ट्स

Apple Shape: हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज (एसईएएस) के शोधकर्ताओं ने सेब के आकार और कैसे इसकी ग्रोथ होती है, इसके बारे में बताया है. 

Apple Shape: सेब का आकार क्यों होता है ऐसा? जानें इसके बारे में दिलचस्प फैक्ट्स

नई दिल्लीः आपने अक्सर सुना होगा रोज एक सेब (Apple) खाना आपको फिट रखता है और आप बीमारियों से बचते हैं. सेब (Apple) सबसे ज्यादा फायदेमंद फलों में से एक है, लेकिन क्या आपने कभी इसकी शेप यानी आकार पर गौर किया है. सेब का आकार (Apple Shape) पूरी तरह से गोल और बीच में हार्ट शेप लिए होता है. वैज्ञानिकों ने इसके आकार (Apple Shape) को लेकर एक रिसर्च की और इसमें कई दिलचस्प बातें सामने आई हैं.

  1. सेब का आकार पूरी तरह से गोल और बीच में हार्ट शेप लिए होता है.
  2. वैज्ञानिकों ने इसके आकार को लेकर एक रिसर्च की.
  3. इसमें कई दिलचस्प बातें सामने आई हैं.

सेब के आकार पर रिसर्च

हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज (एसईएएस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने सेब के आकार और कैसे इसकी ग्रोथ होती है, इसके बारे में बताया है. 

अगर सेब की शेप को ध्यान से देखा जाए तो सेब के ऊपरी हिस्से पर गहराई से एक छेद होता है, जिस पर डंठल होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये ऊपरी हिस्सा ही सेब की शेप बनाता है.

शोध में गणितीय सिद्धांत को ध्‍यान में रखते हुए singularity theory का को आधार बनाया है और सेब के आकार पर रिसर्च की गई. 

वैज्ञानिकों ने बताई खास वजह

शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान पाया कि सेब का कर्व शीर्ष तने के साथ नीचे की ओर जाता है और फिर दूसरी तरफ वापस ऊपर की ओर जाता है. ये एक खास बात है. 

हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज (एसईएएस) में भौतिकी के एप्लाइड मैथमेटिक्स के प्रोफेसर और शोध के वरिष्ठ लेखक एल महादेवन का कहना है कि बायलॉजिकल शेप्स अक्सर स्ट्रक्चर की उपस्थिति से व्यवस्थित होती हैं, जो फोकल प्वॉइंट्स के रूप में काम करती हैं. ये केंद्र बिंदु कभी-कभी सिंगुलैरिटी का रूप ले सकते हैं जहां विकृतियां सीमित हो सकती हैं.

सामने आए ये दिलचस्प फैक्ट्स

इस रिसर्च टीम ने पीटरहाउस कॉलेज के एक गार्डन से विभिन्न विकास चरणों में सेब इकट्ठा किए और समय के साथ सेब के कर्व शीर्ष तने की ग्रोथ को मैप किया. इसके बाद उन्होंने singularity theory का उपयोग करते हुए जांचा कि सेब के शीर्ष पर फ्रूट कॉर्टेक्स और कोर ड्राइव अलग-अलग तरीके से कैसे ग्रोथ करती है. अंत में इन जांचों को आधार बनाकर सेब पर जेल लगाकर उसके विकास की गणना की गई.

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एसईएएस में पोस्टडॉक्टरल फेलो सह-लेखक अदिति चक्रवर्ती का कहना है कि लैब में साधारण सामग्री टूलकिट के साथ Singular Cusps के मॉर्फोजेनेसिस को नियंत्रित करना और फिर से चालू करना विशेष रूप से रोमांचक था. जेल के माध्यम से सेब के शीर्ष की संरचना को बदलते हुए दिखाया गया है.

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