Flying Dinosaur: सुलझ गया उड़ने वाले डायनासोर के पूर्वजों का रहस्य, जानिए कौन थे वो
Advertisement
trendingNow1804440

Flying Dinosaur: सुलझ गया उड़ने वाले डायनासोर के पूर्वजों का रहस्य, जानिए कौन थे वो

उड़ने वाले डायनासोर (Flying Dinosaur) के पूर्वजों का रहस्य सुलझ चुका है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रियासिक काल (Triassic Period) में सरीसृप समूह, जिसे लैगरपेटिड कहा जाता है, दरअसल टेरोसोर (Pterosaur) के पूर्वज हुआ करते थे. 

 

डायनासोर के पूर्वजों का सुलझा रहस्य

नई दिल्ली: उड़ने वाले डायनासोर (Flying Dinosaur) का रहस्य का पता लगाने की प्रकिया काफी लंबे समय से चल रही है. ताजा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जीवाश्म विज्ञान के इस रहस्य को सुलझा लिया है. रिसर्चर्स ने उड़ने वाले डायनासोर (Flying Dinosaur), जिन्हें टेरोसोर (Pterosaur) कहा जाता है, के विकासक्रम की गुत्थी सुलझा ली है. एक समय पर इन टेरोसोर का पूरे आसमान में वर्चस्व रहा करता था.

  1. उड़ने वाले डायनासोर के पूर्वजों का रहस्य सुलझ गया है
  2. ट्रियासिक काल में थे मौजूद
  3. 23 करोड़ 70 लाख साल पहले पृथ्वी पर आए थे

वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रियासिक काल (Triassic Period) में सरीसृप ग्रुप, जिसे लैगरपेटिड कहा जाता है, ही टेरोसोर के पूर्वज हुआ करते थे. 

इतने साल पहले पृथ्वी पर आए थे

लैगरपेटिड को कभी ठीक ढंग से नहीं समझा गया है. अब इस समूह के जीवाश्म अमेरिका (America), अर्जेंटीना, ब्राजील और मैडागास्कर में मिले हैं. लैगरपेटिड सबसे पहले करीब 23 करोड़ 70 लाख साल पहले पृथ्वी पर आए थे. ये छोटे आकार के दो पैरों वाले जीव होते थे, जो कीड़े खाया करते थे, लेकिन वे उड़ नहीं सकते थे. बाद में टेरोसोर पृथ्वी के पहले उड़ने वाले वर्टिबरेट यानी रीढ़ वाले जीव कहलाए गए.

यह भी पढ़ें- धरती पर जीवन कैसे आया? धूमकेतु के इस रहस्य से सुलझ सकती है पहेली

इस श्रेणी में चमगादड़ बहुत बाद में आए. नेचर जर्नल में प्रकाशित इस शोध के प्रमुख लेखक और ब्यूनस आयर्स (Buenos Aires) स्थित अर्जेंटाइन म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंसेस के जीवाश्म विज्ञानी मार्टिन इजकूरा ने बताया, ‘टेरोसोर की उत्पत्ति जीवाश्म विज्ञान में सबसे उलझी हुई पहेली तब से रही है, जब से उन्हें 18वीं सदी में सबसे पहले खोजा गया था.’

33 विशेषताओं का पता चला है

बता दें, सबसे पुराने टेरोसोर का जीवाश्म रिकॉर्ड फिलहाल 22 करोड़ साल पुराना है. तब उनके शरीर में पंख टखने से लेकर लंबी चौथी उंगली तक एक परत से बने होते थे. शोधकर्ताओं ने खोपड़ी की 33 विशेषताओं का पता लगाया है. इस अध्ययन से टेरोसोर और लैगरपेटिड के बीच के उद्भव संबंध की जानकारी मिल सकी है. इसमें अंदरूनी कान का आकार, दिमाग का खांचा, दांत के अलावा हाथ-पैर, टखने और पेल्विक हड्डियों में भी समानताएं शामिल हैं.

इजकूरा ने बताया, 'हमने दर्शाया कि लैगरपेटिड्स टेरोसोर के नजदीकी संबंधी हैं. वे ही दूसरे सरीसृपों और टेरोसोर के अंतर को पाटने का काम करते दिख रहे हैं.'

 विज्ञान से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news