मंगल ग्रह पर दिखे रहस्यमय विकराल बादल
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मंगल ग्रह पर दिखे रहस्यमय विकराल बादल

मंगल ग्रह की सतह के उपर रहस्यमय विकराल बादल देखे गए हैं जिसने इस रक्ताभ ग्रह के वातावरण का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। मार्च और अप्रैल 2012 में दो अलग अलग मौकों पर गैर पेशेवर खगोलविदों ने इस तरह की परिघटना की रिपोर्ट की थी।

फाइल फोटो

लंदन: मंगल ग्रह की सतह के उपर रहस्यमय विकराल बादल देखे गए हैं जिसने इस रक्ताभ ग्रह के वातावरण का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। मार्च और अप्रैल 2012 में दो अलग अलग मौकों पर गैर पेशेवर खगोलविदों ने इस तरह की परिघटना की रिपोर्ट की थी।

दोनों ही मौकों पर मंगल के एक ही इलाके में इस तरह की परिघटना दिखी। ये रहस्यमय बादल मंगल की सतह के 250 किलोमीटर की उंचाई तक गए। अतीत में इसी तरह के बादल देखे गए थे लेकिन वे 100 किलोमीटर की उंचाई से आगे नहीं गए थे।

विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के मुख्य लेखक स्पेन के यूनिवर्सिदाद देल पाएस वास्को के आगस्तिन सांचेज-लावेगा ने कहा, ‘करीब 250 किलोमीटर पर वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष का विभाजन बहुत हल्का हो जाता है, सो इस तरह के बादल अत्यंत अनपेक्षित हैं।’ इस परिघटना का विकास 10 घंटे से कम समय में हुआ और इसके दायरे में 1000 गुणे 500 किलोमीटर का इलाका आया और यह तकरीबन 10 दिन तक दिखा। इस दौरान उसकी बनावट रोज बदलती रही। आगस्तिन ने कहा कि एक विचार यह है कि यह बनावट जल-बर्फ के परावर्तक बादलों से हुई।

इस अनुसंधान पत्र के सह लेखक ईएसए के ईएसटीईसी के रिसर्च फेलो अंतोनियो गार्शिया मुनोज ने कहा कि दूसरा विचार यह है कि वह ‘ऑरोरल’ उत्सर्जन से जुड़े हैं। पहले उन जगहों पर इस तरह के ऑरोरा देखे गए हैं।

 

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