James Webb Space Telescope: वैज्ञानिकों ने दो सैटेलाइट आकाशगंगाओं को अपनी धुन पर नचा रहे प्राचीन महाविशाल ब्लैक होल को देखा है. इस ब्लैक होल का द्रव्यमान दो खरब सूर्यों के बराबर है.
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James Webb Space Telescope Image: एस्ट्रोनॉमर्स ने एक महाविशाल ब्लैक होल और दो सैटेलाइट आकाशगंगाओं के बीच चल रहे 'डांस' को देखा है. उन्होंने इसके लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के लेंस का सहारा लिया. JWST की इस खोज से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि शुरुआती ब्रह्मांड में महाविशाल ब्लैक होल और आकाशगंगाएं कैसे विकसित हुईं.
यह महाविशाल ब्लैक होल इतनी दूर है कि JWST ने उसे उस अवस्था में देखा है, जब बिग बैंग को सिर्फ एक बिलियन साल से ज्यादा नहीं हुए थे. यह ब्लैक होल PJ308-21 नाम के क्वेसार को शक्ति देता है. यह क्वेसार जिस गैलेक्सी के एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस (AGN) में है, वह दो विशालकाय सैटेलाइट आकाशगंगाओं से मिल रही है.
ब्रह्मांड के बचपन में इतना बड़ा कैसे हो गया ब्लैक होल?
रिसर्च टीम ने पता लगाया कि इस ब्लैक होल का द्रव्यमान दो खरब सूर्य के बराबर है. उन्होंने पाया कि विलय में शामिल क्वेसार और आकाशगंगाएं काफी विकसित हैं. ब्रह्मांड के शुरुआती समयकाल में ऐसे ब्लैक होल मिलना हैरान करता है. तीन आकाशगंगाओं के मिलन से महाविशाल ब्लैक होल को भारी मात्रा में गैस और धूल खाने को मिलेगी. इससे यह और विकसित होगा और PJ308-21 को शक्ति देता रहेगा.
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इस इंटरनेशनल स्टडीज का नेतृत्व इटली का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स कर रहा था. वैज्ञानिकों ने सितंबर 2022 में JWST के नियर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ (NIRSpec) इंस्ट्रूमेंट के डेटा को कलेक्ट किया. चूंकि ब्लैक होल में ऐसे गुण नहीं होते जिनसे पता चल सके कि वे कितने विकसित हैं, उनके एक्रेशन डिस्क (क्वेसार भी) से यह पत लग सकता है. रिसर्च टीम ने पाया कि अधिकतर AGNs की तरह, PJ308-21 भी हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों (जिन्हें एस्ट्रोनॉमर्स मेटल्स कहते हैं) से भरपूर है.