शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 असेंबली सीटें आती हैं. इनमें नाम कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पौवायां (एससी), शाहजहांपुर और ददरौल हैं. शाहजहांपुर लोकसभा सीट में करीब 22 लाख वोटर हैं. वर्ष 2019 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 80 फीसदी हिंदू और करीब 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. यहां पर मौर्य, कुशवाहा, कश्यप, सैनी समेत अति पिछड़ी जातियों का वर्चस्व है. शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव वर्ष 1962 में हुए थे. उस इलेक्शन में कांग्रेस के प्रेम कृष्ण खन्ना ने जीत दर्ज की थी. वे लगातार 10 साल तक इस सीट पर सांसद रहे. बीजेपी ने इस सीट पर 1989 में अपना खाता खोला था, जब पार्टी उम्मीदवार सत्यपाल सिंह यादव इस सीट से विजेता बने थे. वे भी दस साल तक इस सीट पर सांसद रहे. वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के दौरान यह सीट रिजर्व घोषित कर दी गई थी. उसके बाद 2009 में सपा के मिथलेश कुमार, 2014 में बीजेपी के कृष्णा राज और 2019 में अरुण कुमार सागर विजयी रहे. शाहजहांपुर लोकसभा सीट यूपी की उन सीटों में शामिल है, जहां से बसपा का कभी खाता नहीं खुला. पिछले 35 साल से बसपा कभी अपने बूते तो कभी गठबंधन करके प्रदेश में चुनाव लड़ती रही है लेकिन वह आज तक इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई. जबकि शाहजहांपुर में कांग्रेस, बीजेपी, जनता पार्टी और सपा उम्मीदवार अपनी विजय पताका फहरा चुके हैं. हालांकि देश की 8 राष्ट्रीय पार्टियों में से एक कांग्रेस पिछले 20 साल से इस सीट से दूर है.
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