मैं कभी किसी की फैन नहीं रही. ना कभी किसी फिल्मी सितारे के साथ तस्वीर लेने के बारे में सोचा भी लेकिन आपका अभिनय रोक लेता है, हम आपके साथ जीने लगते हैं. सबसे पहले फिल्म 'हासिल' देखी थी आपकी. जिसमें आपकी दीवानगी दिखी, आपकी दबंगई दिखी और आपकी बेहतरीन कलाकारी दिखी. 'हासिल' में जो खलनायक था वो आने वाले वक्त में एक बड़ा नायक बना.
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डियर इरफान,
ये ख़त मैं कहां से शुरू करूं समझ नहीं पा रही हूं, बहुत सोचने के बाद रहा नहीं गया क्योंकि मीडिया में जो ख़बरें आपको लेकर आ रही हैं, उससे मन बहुत बेचैन और डरा हुआ है. सनसनीखेज़ और आगे बढ़ने की होड़ में मीडिया बहुत गैरज़िम्मेदार और असंवेदनशील होता जा रहा है. हर जगह आपको ब्रेन कैंसर जैसी घातक और दुर्लभ बीमारी होने की खबरें हैं. सोशल मीडिया पर अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है. सब कयास लगा रहे हैं और मैं सोच रही हूं कि आखिर आप और आपका परिवार किस तरह के हालात से जूझ रहा होगा.
बीते कुछ दिनों से आपकी बीमारी को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं, वो मन को विचलित कर रही हैं. हैरानी इस बात की है कि हम आपके फैंस भी अपनी लिमिट भूलते जा रहे हैं. जिन्हें दुआएं करनी चाहिए वो अफवाहें फैला रहे हैं कि इरफान खान को ब्रेन कैंसर हो गया है. मुझे अफ़सोस है कि आप जब इस बुरे दौर से गुज़र रहे हैं तो आपको ही अपनी बीमारी के लिए सफ़ाई देनी पड़ी और कहना पड़ा कि आप खुद इसका खुलासा करेंगे. शायद हम आपकी तकलीफ़ का अंदाज़ा लगा पाएं कि आखिर आप कैसे एक-एक लम्हा गुज़ार रहे होंगे? कैसे आपकी पत्नी खुद को संभाल रही होंगी इन खबरों के बीच?
पर्दे पर दिखने वाली खूबसूरती के पीछे का सच
मैं कभी किसी की फैन नहीं रही. ना कभी किसी फिल्मी सितारे के साथ तस्वीर लेने के बारे में सोचा भी लेकिन आपका अभिनय रोक लेता है, हम आपके साथ जीने लगते हैं. सबसे पहले फिल्म 'हासिल' देखी थी आपकी. जिसमें आपकी दीवानगी दिखी, आपकी दबंगई दिखी और आपकी बेहतरीन कलाकारी दिखी. 'हासिल' में जो खलनायक था वो आने वाले वक्त में एक बड़ा नायक बना. 'पान सिंह तोमर' में आपने साबित किया कि आप करोड़ों रुपये की फिल्मों के क्लब में शामिल होने का माद्दा भी रखते हैं.
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आपकी कॉमेडी भी कमाल की है. 'पीकू' से लेकर 'हिंदी मीडियम' फिल्म में आपने हमें हंसाया भी और बहुत कुछ सोचने पर मजबूर भी किया. आप बॉलीवुड नहीं हॉलीवुड में भी अपना लोहा मनवा चुके हैं, आप बेमिसाल कलाकार हैं, आपकी आखों की दीवानी हज़ारों लड़कियां, आपकी आवाज़, आपका अंदाज़, आपकी संजीदगी सब कुछ बहुत ख़ास. मुझे नहीं पता कि ये ख़त आप तक पहुंचेगा या नहीं लेकिन फिर भी मैं अपने दिल की बात लिख रही हूं. आपने लिखा कि जैसे आपने दुर्लभ फिल्मों का चुनाव किया, वैसे ही आपकी बीमारी भी दुर्लभ है. लेकिन हम यही दुआ करते हैं कि आप जिस मज़बूती से आज तक खड़े रहे हैं उसी मज़बूती से इस बीमारी का भी सामना करें. मुझे यक़ीन भी है कि आप इस मुश्किल दौर से बहुत जल्द बाहर निकल आएंगे क्योंकि हिम्मत से बड़ा इस दुनिया में कुछ नहीं है.
इस ख़ामोशी का खामियाज़ा सबको भुगतना पड़ेगा!
इरफ़ान मुझे माफी भी मांगनी चाहिए हमारी मीडिया की तरफ़ से जो आपको लेकर तेज़ और ब्रेकिंग न्यूज़ देते-देते भूल गया कि आपको अभी हमारे साथ की ज़रूरत है. हमें अफ़सोस है कि बीमारी से जूझते हुए मुश्किल वक्त में आपको खुद इन खबरों ने परेशान कर दिया. आपको लिखना पड़ा कि 'दुर्लभ कहानियों की तलाश करते-करते मुझे एक दुर्लभ बीमारी मिल गई. हालांकि मैंने कभी आशा का दामन नहीं छोड़ा है और हमेशा अपने पसंद के लिए लड़ाई लड़ी और लड़ता रहूंगा.' दरअसल हमको आपकी हिम्मत बनना चाहिए ताकि आप इस दुर्लभ बीमारी का डटकर सामना कर पाएं. आने वाले कुछ दिन आपकी ज़िंदगी और परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरे हैं. पूरा देश, आपके फैन्स आपके इस मुश्किल वक्त में साथ हैं और दुआ करते हैं कि आप बहुत जल्द सेहतमंद होकर फिर से हमें अपनी बेहतरीन अदाकारी को देखने का मौका देंगे. अल्लाह से दुआ है कि आप इस जंग में जीत हासिल करें. एक कभी ना हारने वाले योद्धा की तरह.
आपकी एक अदना सी फैन
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(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक विषयों पर टिप्पणीकार हैं)
(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)