अगर भारतीय क्रिकेट टीम के चयन में क्रिकेट प्रशंसकों की भी कोई भूमिका होती तो शायद चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घायल मनीष पांडे की जगह 32 साल के दिनेश कार्तिक की जगह 19 साल के ऋषभ पंत को चुना जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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नई दिल्ली : अगर भारतीय क्रिकेट टीम के चयन में क्रिकेट प्रशंसकों की भी कोई भूमिका होती तो शायद चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घायल मनीष पांडे की जगह 32 साल के दिनेश कार्तिक की जगह 19 साल के ऋषभ पंत को चुना जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पांच स्टैंड बाय खिलाड़ियों में ऋषभ और कार्तिक दोनों ही थे, लेकिन पलड़ा कार्तिक का भारी रहा और उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुन लिया गया. दोनों ही खिलाड़ी विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं. दोनों के खेल में आक्रामकता है. कार्तिक को पिछले घरेलू सत्र में शानदार परफॉर्मेंस का ईनाम मिला. कार्तिक ने तामिलनाडु को विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में अहम रोल अदा किया. उन्होंने
इस दौरान 607 रन बनाए, इसमें फाइनल में शतक भी लगाया. उनका औसत 86 से ज्यादा था और उनका स्ट्राइक रेट 100 से अधिक था. इतना ही नहीं कार्तिक ने रणजी ट्रॉफी में 704 रन और आईपीएल के दसवें सीजन में भी 361 रन बनाए, लेकिन रन तो ऋषभ पंत ने भी खूब बनाए.
2015 में दिल्ली के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू करने वाले पंत 2016 में आईपीएल डेब्यू किया. अंडर 19 चैलेंजर ट्रॉफी में पंत ने इंडिया ग्रीन्स को लीड किया. वह त्रिकोणीय सीरीज में जूनियर राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रहे. बांग्लादेश में हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप में भी वह शरीक हुए. एक लीग मैच में 24 गेंदों में पंत ने 78 रन बनाए और एक शतक जड़ा.
जाहिर है इस सबने उनकी ख्याति राष्ट्रीय पर पहुंचाई. इससे पहले वह रणजी मैचों में तिहरा शतक और 48 गेंदों पर शतक भी लगा चुके थे. आईपीएल सीजन 10 के लिए जब खिलाड़ियों की खरीद फरोख्त शुरू हुई तो ऋषभ को अच्छी कीमत मिलने का अनुमान था. उनका बेस प्राइज महज दस लाख रुपए था. जब दिल्ली डेयरडेविल्स ने बेस प्राइज से 19 गुणा राशि यानी 1.9 करोड़ रुपए में खरीदा तो यह साफ दिखाई दे रहा था कि यह भविष्य का खिलाड़ी है.
आईपीएल 10 में ऋषभ पंत ने अपनी कीमत को साबित भी कर दिखाया. 14 मैचों में ऋषभ पंत ने 26.14 की औसत से 366 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट था 165.61. यानी बिंदास अंदाज में उन्होंने बल्लेबाजी की. पांच अप्रैल को रुढ़की में ऋषभ के पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन फ्यूनरल के बाद ऋषभ मैदान पर उतरे और उन्होंने 36 गेंदों में 57रन की शानदार पारी खेली.
इस पारी को देखने के बाद ही सचिन तेंदुलकर ने कहा था, ऋषभ भारतीय किक्रेट का भविष्य हैं, लेकिन इतिहास दिनेश कार्तिक के पक्ष में था. कार्तिक के क्रिकेट करियर पर धोनी छाया हमेशा ही मंडराती रही है. जाहिर है धोनी के होते किसी दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए कोई संभावनाएं नहीं थीं, लेकिन कार्तिक ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम में अपने लिए थोड़ा स्पेस खोज ही लिया था.
2004 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया. अब तक वह 23 टेस्ट मैचों की 37 पारियों में 1000 रन बना चुके हैं. उनका अधिकतम स्कोर 129 रन है. इसके अलावा 71 वनडे मैचों की 60 पारियों में वह 1313 रन बना चुके हैं. एक दिवसीय मैचों में उनका अधिकतम स्कोर 79 रन है. आईपीएल के दसवें सीजन में 361 रन बनाकर कार्तिक ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उनकी बल्लेबाजी में तकनीकी कौशल मौजूद है.
हालांकि, अब तक के क्रिकेट करियर में उनकी विकेटकीपिंग बहुत उम्दा नहीं रही है. 5 सितंबर 2004 को लार्ड्स में उन्होंने एक दिवसीय मैचों में डेब्यू किया था. यानी कार्तिक के पास विदेशों में खेलने का भी अनुभव है. इस बार चैंपियंस ट्रॉफी इंग्लैंड में ही हो रही है और कार्तिक इंग्लैंड की आबोहवा से थोड़ा बहुत वाकिफ हैं.
कार्तिक दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज और श्रीलंका में भी खेल चुके हैं. यानी अनुभव उनके साथ है. उनके चयन के पक्ष में एक और बात गई. वह 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय किक्रेट टीम का हिस्सा थे. ऋषभ पंत की उम्र भी शायद उनके पक्ष में नहीं थी. इंग्लैंड में तेज हवाओं के बीच बल्लेबाजी करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा ही कठिन होता है. शायद यही वजह है कि ऋषभ पंत के मुकाबले दिनेश कार्तिक को तवज्जो दी गई. अन्यथा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि ऋषभ पंत एक शानदार क्रिकेटर हैं और बहुत दिनों तक उन्हें भारतीय टीम से दूर नहीं रखा जा सकता.
यह भी एक अहम सवाल होगा कि क्या दिनेश कार्तिक को खेलने का मौका मिलेगा. भारतीय टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, अंजिक्य रहाणे, धोनी, युवराज सिंह, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, आर आश्विन, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, भवनेश्वर कुमार जमप्रीत बुमराह.
टीम कॉम्बिनेशन की बात करें तो विराट, रोहित, शिखर, रहाणे धोनी, युवराज और केदार जाधव का खेलना तय है. ऑल राउंडर के रूप में भारत हार्दिक पांड्या को भी ड्रॉप नहीं करना चाहेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि दिनेश कार्तिक को किसके स्थान पर और कितने नंबर पर खिलाया जाता है.