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नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार की इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन कंपनी ने इस रूप में काम किया जिससे बिजली वितरण कंपनियों को अनुचित लाभ हुआ। रिपोर्ट आज संसद में पेश की गई।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘बिजली उत्पादन और उसे दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को बेचने वाली कंपनी अग्रिम आयकर भुगतान की वसूली में देरी कर अपने धन को फंसे रहना दिया तथा उसे 6.42 करोड़ रुपए का ब्याज नुकसान हुआ। इससे बिजली वितरण कंपनियों को अनुचित वित्तीय लाभ हुआ।’
रिपोर्ट के अनुसार ऑडिट में पाया गया कि कंपनी ने सितंबर 2011, मार्च 2012 तथा जुलाई 2012 में अपने कोष से लाभार्थियों की ओर से अग्रिम कर तथा स्व-आकलन कर के रूप में 107.10 करोड़ रुपए का भुगतान किया। कंपनी ने लाभार्थियों की तरफ से जो कर का भुगतान किया, उसकी वसूली की तुरंत मांग नहीं की जिससे बिजली वितरण कंपनियों (बीआरपीएल, बीवाईपीएल तथा टीपीडीडीएल) को अनुचित लाभ हुआ।