DNA with Sudhir Chaudhary: खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को BCCI ने क्यों किया बैन? फैसले में छिपा बड़ा संदेश
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DNA with Sudhir Chaudhary: खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को BCCI ने क्यों किया बैन? फैसले में छिपा बड़ा संदेश

DNA on Boria Mazumdar Wriddhiman Saha: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) पर दो वर्ष के लिए बैन लगा दिया है. यह पहला मामला है, जब BCCI ने किसी खेल पत्रकार पर प्रतिबंध लगाया है. आपको इस फैसले की वजह जाननी चाहिए.

DNA with Sudhir Chaudhary: खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को BCCI ने क्यों किया बैन? फैसले में छिपा बड़ा संदेश

DNA on Boria Mazumdar Wriddhiman Saha: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) पर दो वर्ष के लिए बैन लगा दिया है. उन पर भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने  इंटरव्यू के नाम पर धमकाने के आरोप लगाए थे.

ये मामला बेहद गंभीर था, इसलिए BCCI ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक committee बनाई. इसमें BCCI के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और शीर्ष काउंसिल के सदस्य प्रभतेज सिंह भाटिया शामिल थे. इस committee ने मामले की जांच कर और मजूमदार पर बैन लगाने की सिफारिश की थी. 

BCCI ने 3 मई को भेजा पत्र

इसके बाद 3 मई यानी मंगलवार को BCCI ने अपने अधीन आने वाली राज्य इकाइयों यानी state associations को letter लिख कर इस फैसले की जानकारी दी. हम स्पष्ट कर दें कि BCCI ने अपनी तरफ से मीडिया को इस फैसले की जानकारी नहीं दी है. बल्कि उसकी तरफ से state associations  को जो letter भेजा गया था, वो मीडिया में लीक हो गया. इस लेटर में लिखा गया है- 

- देशभर की state associations बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) को किसी भी स्टेडियम में एंट्री न दें. यानी अब वो टीम इंडिया का कोई भी मैच कवर नहीं पाएंगे.
- International मुकाबलों के अलावा घरेलू मैचों में भी बोरिया को media accreditation नहीं दिया जाएगा
- यानी वो अब टीम इंडिया की किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो पाएंगे.
इसके अलावा BCCI के अंदर आने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों को भी कहा गया है कि वो बोरिया मजूमदार को कोई इंटरव्यू न दें और उनसे किसी तरह की बातचीत न करें.
- बोर्ड ICC यानी international cricket council से भी बोरिया की शिकायत करेगा और ICC के टूर्नामेंट्स में भी उनको बैन करने की सिफारिश करेगा.

क्यों लगाया गया मजूमदार पर बैन

आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि इस विवाद की शुरुआत कहां से हुई और BCCI ने बोरिया मजूमदार पर बैन क्यों लगाया.

19 फरवरी को भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने बोरिया मजूमदार के साथ अपनी Whats App Chats को सार्वजनिक किया था और उन पर इंटव्यू देने के लिए धमकाने का आरोप लगाया था. हालांकि साहा ने इस दौरान मजूमदार का नाम नहीं लिया था.

ऋद्धिमान साहा ने Whats App पर हुई अपनी बातचीत का जो Screenshot शेयर किया था. उसमें उन्होने लिखा कि  'भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद, एक तथाकथित "आदरणीय" पत्रकार से मुझे ये झेलना पड़ता है. पत्रकारिता देखिए कहां चली गई है.' 
 
ज़ी न्यूज के पास इस Whats App Chat की कॉपी भी मौजूद है. इसमें लिखा है. इसमें ये पत्रकार, ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को उनके साथ एक इंटरव्यू करने के लिए कहता है और बताता है कि अगर साहा ने उन्हें इंटरव्यू दिया तो ये उनके लिए अच्छा रहेगा.
 
इसी में फिर वो ये लिखता है कि 'अगर तुम Democratic दिखना चाहते हो तो मैं इस इंटरव्यू के लिए ज्यादा दबाव नहीं डालूंगा.'

और फिर वो लिखते हैं कि.. ''वो एक विकेटकीपर चुनेंगे, जो बेहतर होगा. लेकिन साहा उन 11 पत्रकारों को चुन रहे हो, जो इस पत्रकार के लिहाज़ से सही नहीं हैं. वो ये भी कहते हैं कि साहा को उस पत्रकार को चुनना चाहिए, जो उनकी मदद कर सके'
 
इसके बाद ये पत्रकार साहा को Whats App कॉल करते हैं. जब वो इस कॉल को नहीं उठाते तो वो लिखते हैं, 'तुमने मुझे दोबारा फोन नहीं किया. मैं कभी तुम्हारा दोबारा इंटरव्यू नहीं करूंगा. मैं बेइज्जती को हल्के में नहीं लेता और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा.'

ऊंचे रसूख वाले पत्रकार रहे हैं बोरिया मजूमदार

यानी बोरिया मजूमदार साहा को इंटरव्यू न देने पर धमका रहे थे. उन्हे BCCI में अपनी ऊंची पहुंच और रसूख का डर दिखा रहे थे.

बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) की BCCI में काफी ऊंची पहुंच है और बोर्ड में शीर्ष पर बैठे लोगों से भी उनके काफी अच्छे संबंध हैं. मजूमदार ने अपने इन्ही संपर्कों का प्रयोग कर इस मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया. उनको अपने रसूख का इतना अभिमान था कि आरोप लगाए जाने के बाद भी उन्होने साहा से कोई माफी नहीं मांगी और उल्टा उन पर ही मानहानि का मामला दर्ज करने की चेतावनी दे दी.

यहाँ आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि बोरिया मजूमदार के अंदर ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) जैसे international क्रिकेटर को धमकाने की हिम्मत कहां से आ गई. इसके लिए आज हम आपको BCCI की एक inside story भी बताते हैं.

सूत्रों के अनुसार 23 अप्रैल को ही BCCI की apex council की बैठक में बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) पर बैन लगाने का फैसला ले लिया गया था. इस बैठक में उन पर life time ban लगाने पर भी चर्चा की गई थी. लेकिन BCCI में शीर्ष पदों पर मौजूद बोरिया मजूमदार के करीबियों ने इसका विरोध किया और मजूमदार के खिलाफ होने वाली कार्रवाई को कम से कम करवाने के लिए पूरी ताकत लगा दी.

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करीबियों ने मजूमदार को लंबे बैन से बचाया

मीटिंग में हुई लंबी बहस के बाद life time ban की जगह मजूमदार पर 10 साल के ban का प्रस्ताव रखा गया. लेकिन मजूमदार के करीबियों ने इसका भी विरोध किया और फिर प्रतिबंध की अवधि कम करके पहले 5 साल और फिर 2 साल कर दी गई. हालांकि ये अधिकारी इससे भी संतुष्ट नहीं थे और वो इसे कम करके एक साल करवाना चाहते थे, लेकिन दबाव के आगे उन्हे ये सिफारिश माननी पड़ी.

यहां आपको ये भी जानना चाहिए कि आम तौर पर BCCI अपनी बैठकों में होने वाले फैसलों की जानकारी प्रेस रिलीज के जरिए सार्वजनिक कर देता है. लेकिन बोरिया मजूमदार और उनके करीबी इस खबर को बाहर नहीं आने देना चाहते थे, इसलिए उन्होने इसे दबाने का भी पूरा प्रयास किया. लेकिन BCCI को इस तरह के फैसलों की जानकारी अपने State Members को भी देनी पड़ती है. इसलिए ये letter State Members को भेजा गया और फिर वहीं से ये लीक हो कर मीडिया के सामने आ गया. 

आपको ये भी जानना चाहिए कि बोरिया मजूमदार (Boria Mazumdar) ऐसे पहले पत्रकार हैं, जिन पर BCCI ने इस तरह की कार्रवाई की है और ये पत्रकारिता को अपने स्वार्थ और अपने हितों के लिए इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों के लिए भी बड़ा संदेश है.

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