लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन ने टीम इंडिया केवल 17 की उम्र में जगह बना ली थी. उनका इंग्लैंड के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड रहा.
Trending Photos
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट में आज लक्ष्मण शिवरामकृष्णन एक मशूहर क्रिकेट कॉमेंटटर है. 80 के दशक में केवल 17 की उम्र में टीम में अपनी जगह बनाकर सबको चौंका दिया था. उन्होंने अपने प्रदर्शन से भी सबको हैरान कर दिया था. लेकिन इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर का करियर केवल चार साल ही चला. बाद में एल एस भारत के मशहूर कॉमेंटेटर बने. मंगलवार को शिवरामाकृष्णन 54 साल के हो गए हैं.
शुरू से ही किया बढ़िया प्रदर्शन
31 दिसंबर 1965 को चेन्नई (तब मद्रास) में जन्मे लक्ष्मण शिवराम कृष्णन को शिवा के नाम से जाने जाते थे. वे सबकी नजरों में तब आए जब उन्होंने 1981-82 में रणजी में डेब्यु करते ही दिल्ली के खिलाफ एक मैच में 28 रन देकर 7 विकेट लेकर सबको चौका दिया. इसके वे टीम इंडिया में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के तौर पर शामिल हुए.
यह भी पढ़ें: PAK: हिंदू खिलाड़ी का फिर छलका दर्द, भेदभाव के कारण सिस्टम से हारने की बताई वजह
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट
शिवा ने एंटीगुआ में उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला, लेकिन 25 ओवर की गेंदबाजी के बाद भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. 1984-85 में जब इंग्लैंड की टीम भारत आई तो मुंबई में खेले गए टेस्ट में शिवा ने 12 विकेट लेकर अपना असर छोड़ा. इस पूरी सीरीज में उन्होंने 23 विकेट लिए और वे मैन ऑफ द सीरीज रहे.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी खेले थे शिवा
शिवा 1985 में ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे. इस चैंपियनशिप के फाइनल में शिवा ने पाकिस्तान के खिलाफ 35 रन देकर तीन विकेट लिए थे और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
फिर गायब होते गए परिदृश्य से
वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद उनका प्रदर्शन गिरता ही गया. वे अपनी लय हासिल करने में नाकाम रहे. 1983 में पहला टेस्ट खेलने के बाद उन्होंने 1986 में अपना आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया में खेला. जबकि 1987 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला.
यह रहा उनका रिकॉर्ड
शिवा ने भारत की ओर से 9 टेस्ट खेले और 26 विकेट हासिल किए. उन्होंने टीम की ओर से 16 वनडे मैच खेले. इसमें उन्हें 15 विकेट मिले. प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो उन्होंने 76 मैचों में 154 विकेट हासिल किए. रिटायरमेंट के बाद शिवा कमेंट्री में रुचि दिखाते हुए भारत के सफल अंग्रेजी कॉमेंटेटर बने. साल 2013 में उन्हें आईसीसी की खिलाड़ियों की प्रतिनिधि कमेटी में भी नामित किया गया था.