B'day Speical: शिवनारायण चंद्रपॉल, कई अनोखे मुकाम हासिल करने वाला विंडीज सितारा
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B'day Speical: शिवनारायण चंद्रपॉल, कई अनोखे मुकाम हासिल करने वाला विंडीज सितारा

शिवनारायण चंद्रपॉल के नाम कई बड़े तो कुछ अनोखे रिकॉर्ड भी हैं.

चंद्रपॉल के नाम 43 साल की उम्र में भी शतक लगाने का  रिकॉर्ड है. (फोटो : फाइल)

नई दिल्ली: वेस्टइंडीज क्रिकेट में वैसे तो भारतीय मूल के क्रिकेटरों की भरमार रही है, लेकिन उनमें शिवनारायन चंद्रपॉल ( Shivnarine Chanderpaul) का नाम कुछ खास ही है. चंद्रपॉल शुक्रवार को 45 साल के हो रहे हैं. क्रिकेट से जुनून की हद तक जुड़े चंद्रपॉल उन क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने अपने बेटे के साथ ही एक घरेलू मैच में बल्लेबाजी की है. चंद्रपॉल के नाम कई यादगार पारियां. उन्हें क्रीज पर लंबे समय तक टिकने के लिए याद किया जाता चंद्रपॉल के नाम ऐसी कई उपलब्धियां है जिन्होंने उन्हें दुनिया के खास क्रिकेटर की पहचान दी है. 

ऐसा है रिकॉर्ड
भारतीय मूल के वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर चंद्रपॉल का जन्म 16 अगस्त, 1974 को गुएना में हुआ था. उन्होंने 164 टेस्ट मैच, 268 वनडे मैच और 22 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे. टेस्ट मैचों में चंद्रपॉल ने 280 पारियों में 51.37 के औसत से कुल 11897 रन बनाए हैं. इसें 30 सेंचुरी और 66 हाफ सेंचुरी शामिल हैं.   वनडे की 251 पारियों में उनहोंने 8778 रन बनाए हैं जिसमें उनके नाम 11 सेंचुरी और 59 हाफ सेंचुरी है और 150 रन का बेस्ट स्कोर भी इसमें शामिल है. 

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बल्ला देर से चला, लेकिन जब चला तो...
चंद्रपॉल के नाम कई बड़े रिकॉर्ड तो हैं, लेकिन उन्होंने ये अनोखे तरह से हासिल किए तो कुछ अनोखे रिकॉर्ड भी हैं. वे पहले ऐसे भारतीय मूल के क्रिकेटर हैं, जिन्होंने वेस्ट इंडीज की ओर से 100 से अधिक इंटरनेशनल मुकाबले खेले. वे लंबे समय बाद वेस्टइंडीज के लिए सबसे कम उम्र यानि केवल 17 साल की उम्र में टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी बने. उनका बल्ला काफी देर से चला, लेकिन जब चला तो ऐसा चला कि वे टेस्ट में 11 हजार रन बनागए. माना जाता था कि एक बार वे क्रीज पर आ गए तो वे जाने का नाम नहीं लेते थे. अपने इस अंदाज से उन्होंने कई बार अपनी टीम की हार को टाला था. 

पिता पुत्र की जोड़ी और वह रन आउट
चंद्रपॉल पिछले कुछ सालों में अपने बेटे तेजनारायण के साथ गुयाना की ओर खेलते रहे. की जोड़ी तब चर्चा में आई जब एक मैच के दौरान एक बार फिर दोनों साथ खेलते दिखे और उनमें से एक रनआउट हो गया. इस मैच में पिता शिवनारायण के सामने ही बेटा तेजनारायण रन आउट हो गया. 

कप्तानी मिलते ही दोहरा शतक
बतौर कप्तान उन्होंने पहले मैच में ही दोहरा शतक लगाने का कारनाम किया था. यह भी रोचक वाक्या है जब चंद्रपॉल को ब्रायन लारा कप्तानी मिली थी. लारा के खराब फॉर्म के चलते अचानक मैनेजमेंट ने शिवनारायण चंद्रपॉल को कप्तान बनाया था. कप्तान बनते ही अपने पहले ही मैच में दोहरा शतक लगाते हुए 203 रन की पारी खेल डाली और इतिहास रच दिया. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस मैच में वेस्टइंडीज की ओर से चार शतक लगे थे. वह टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया था. 

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