Team India: टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक शॉकिंग खुलासा किया है. पंत ने अपनी तुलना धोनी से करने को लेकर कहा कि बहुत बुरा लगता था. पंत ने बताया करियर के शुरुआती दिनों में धोनी से तुलना उनके लिए काफी कठिन थी.
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Rishabh Pant on MS Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से ऋषभ पंत के मार्गदर्शक रहे हैं, लेकिन एक ऐसा भी समय था जब भारत के पूर्व कप्तान से लगातार तुलना से पंत इतने दबाव में आ जाते थे कि उनका ‘दम घुटने’ लगता था. दिसंबर 2022 में दर्दनाक कार एक्सीडेंट में चोटिल हुए पंत अभी भी पूरी तरह फिट नहीं हैं. धोनी ही ऐसा शख्स हैं, जिनसे वह जीवन की हर बात साझा करते हैं. पंत ने यह माना कि करियर के शुरूआती दिनों में धोनी से तुलना उनके लिए काफी कठिन थी. पंत ने धोनी से तुलना को लेकर कई खुलासे किए हैं.
'मैं कमरे में जाकर रोता था'
पंत ने 'स्टार स्पोटर्स' की एक सीरिज में कहा, 'मुझे बहुत बुरा लगता था. मैं 20-21 साल का था और कमरे में जाकर रोता था. इतना तनाव होता था कि मैं सांस नहीं ले पाता था. इतना दबाव था कि लगता था कि अब क्या करूं. मोहाली में मैने स्टम्पिंग का एक मौका गंवाया तो दर्शक धोनी धोनी चिल्लाने लगे.' ऋषभ पंत ने इसके साथ ही धोनी के साथ अपने रिश्ते को लेकर भी बात की है.
धोनी से रिश्ते को लेकर कही ये बात
पंत ने कहा, 'एम एस के साथ मेरे संबंध को मैं समझा नहीं सकता. ऐसा कोई होता है जिससे आप सब कुछ साझा कर सकते हैं. मैने एमएस के साथ हर चीज पर बात की है. मैने उनसे बहुत कुछ सीखा है. मैं उनसे ऐसी चीजों पर भी बात करता हूं जो किसी और के साथ नहीं कर पाता. मेरा उनसे इस तरह का संबंध है.'
'तुलना नहीं होनी चाहिए'
पंत ने धोनी से तुलना को लेकर बताया कि ऐसे नहीं होना चाहिए. पंत ने कहा, 'मुझे समझ ही नहीं आता था कि उनके साथ तुलना क्यों होती है. मैं टीम में आया ही था और लोग विकल्प की बात करने लगे थे. एक युवा से ऐसे सवाल क्यों किये जा रहे थे. यह तुलना क्यों हो रही थी ऐसा होना नहीं चाहिये था. एक ने पांच मैच खेले हैं और दूसरे ने 500. उनका इतना लंबा सफर रहा है तो यह तुलना बेमानी थी.'
युवराज सिंह को लेकर भी दिया बयान
पंत ने कहा कि वह युवराज सिंह जैसे सीनियर के भी हमेशा कर्जदार रहेंगे, जिन्होंने टीम में आने पर उन्हें सहज महसूस कराया. ऋषभ पंत ने कहा, 'मैं बहुत छोटा था और टीम में कई सीनियर खिलाड़ी थे. युवराज सिंह, एम एस धोनी, सभी सीनियर थे. इसमें समय लगा, लेकिन उन्होंने कभी सीनियर होने का अहसास नहीं कराया. उन्होंने मेरा स्वागत गर्मजोशी से किया और सभी नए खिलाड़ियों का करते हैं. भारतीय टीम की यही तहजीब है.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)