अफगानिस्तान में पिछले कुछ महीनों से आतंकवादियों का राज चल रहा है. ऐसे में देश में नियमित सभी काम अस्त-वयस्त हो गए हैं. क्रिकेट के खेल पर भी इसका बहुत बड़ा असर पड़ा है.
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नई दिल्ली: आतंकवादी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है. इस देश में पिछले कुछ महीनों से आतंकवादियों का राज चल रहा है. ऐसे में देश में नियमित सभी काम अस्त-वयस्त हो गए हैं. क्रिकेट के खेल पर भी इसका बहुत बड़ा असर पड़ा है और इसी के चलते इस बात पर सवाल खड़ा हो रहा था कि क्या अफगानिस्तान की टीम इस साल टी20 वर्ल्ड कप में भाग लेगी या नहीं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कार्यवाहक सीईओ ज्योफ अलारडाइस ने रविवार को स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की टी20 विश्व कप में भागीदारी को कोई खतरा नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि इस समस्याग्रस्त देश में शासन में बदलाव के बाद चीजें कैसे सामने आती हैं इस पर करीबी नजर रखी जाएगी. ऐसी रिपोर्ट आयी थी कि अगर अफगानिस्तान की टीम देश में चल रहे उथल पुथल के बीच तालिबान के ध्वज तले खेलने का फैसला करती है तो आईसीसी उसे भाग लेने से रोक सकती है.
अलारडाइस ने वर्चुअल बातचीत में कहा, ‘वे आईसीसी के पूर्णकालिक सदस्य हैं और टीम अभी प्रतियोगिता (विश्व कप) की तैयारी कर रही है और ग्रुप चरण में खेलेगी. उनकी भागीदारी की प्रक्रिया सामान्य रूप से आगे बढ़ रही है.’ देश में तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट में बदलाव भी किए गए. पिछले महीने हामिद शिनवारी की जगह नसीब जादरान खान को क्रिकेट बोर्ड का मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया गया.
अलारडाइस ने कहा, ‘जब अगस्त में अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ हम तभी से अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लगातार संपर्क में हैं. हमारी प्राथमिकता उस देश में सदस्य बोर्ड के जरिए क्रिकेट को बढ़ावा देना है. हम देख रहे हैं कि वहां चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं.’ अफगानिस्तान आईसीसी का पूर्णकालिक सदस्य है. टी20 विश्व कप में उसे ग्रुप दो में रखा गया है जिसमें भारत, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी टीमें भी हैं.