यूं तो आईसीसी पैनल में शामिल अंपायर अनिल चौधरी मैदान में अपने फैसले को लेकर जाने जाते हैं, लेकिन आजकल कुछ अलग वजह से वो सुर्खियों में हैं.
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नई दिल्ली: भारत के टॉप क्रिकेट अंपायरों में से एक अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) को आपने मैदान में कई तरह के इशारे करते हुए देखा होगा. ले ये आजकल कुछ अलग वजह से सुर्खियों में हैं, जो कि उनकी अंपारिंग से जुड़ी हुई नहीं है. आईसीसी पैनल के ये अंपायर को कभी पेड़ पर, तो कभी छत पर चढ़कर मोबाइल के साथ देखा जा रहा है, जो लोगों को बेहद गुदगुदा रहा है. असल में अंपायर चौधरी कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह लॉकडाउन में और फिलहाल यूपी के शामली जिले में अपने गांव में मौजूद हैं. वहां खराब नेटवर्क के कारण उनका खुले खेतों में भी ‘गुगली’ और ‘बाउंसर’ से सामना हो रहा है.
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55 साल के अनिल चौधरी को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे मैचों में अंपायरिंग करनी थी, लेकिन सीरीज बीच में ही रोक दिए जाने की वजह से वो 16 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली जिले में स्थित अपने गांव डांगरोल आ गए थे. चौधरी ने पीटीआई से कहा, "मैं 16 मार्च को अपने दोनों बेटों के साथ गांव आ गया था. मैं काफी दिनों बाद गांव आया था, इसलिए मैंने एक हफ्ता यहां बिताने का फैसला किया, लेकिन इसी बीच लॉकडाउन हो गया और मैं उसका पूरी तरह से पालन कर रहा हूं. मेरी मां और पत्नी दिल्ली में हैं."
अनिल चौधरी अब तक 20 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं. वो अब अपने गांव में लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने और कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने में लगे हैं, लेकिन नेटवर्क की समस्या की वजह से वो अलग-अलग प्रोग्राम में ऑनलाइन हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की वर्कशॉप भी शामिल हैं. इसके अलावा वो ऑनलाइन चैट या इंटरव्यू भी नहीं दे पा रहे हैं, वर्ना इस खाली वक्त का वो कई और तरीके से इस्तेमाल कर सकते थे.
ICC umpire Anil Chaudhary climbs up trees in search of mobile network amid #Coronavirus lockdown.
He is currently Stranded in his ancestral village in UP. pic.twitter.com/4qGZOpIkS1— Shariqul Hoda (@Shariqul_Hoda) April 11, 2020
चौधरी ने हालांकि इस दौरान लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक भी किया. उन्होंने कहा, "मैंने लोगों को एक साथ इकट्ठा नहीं होने, ताश नहीं खेलने, लगातार साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित किया और लोगों ने मेरी बात पर अमल भी किया. मैंने उन्हें कुछ मास्क भी बांटे. मेरे गांव वाले अब सामाजिक दूरी बनाए रखने का पूरा पालन कर रहे हैं." यूपी में भी कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है, ऐसे में सामाजिक दूरी का महत्व काफी बढ़ गया है.
उन्होंने कहा, "गांव में नेटवर्क सबसे बड़ा मसला है. हम किसी से बात तक नहीं कर सकते या इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके लिए उन्हें गांव से बाहर या किसी खास छत या पेड़ पर जाना होता है, वहां भी हमेशा नेटवर्क नहीं रहता है. अभी सबसे बड़ी परेशानी बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज को लेकर है. दिल्ली, रूड़की, देहरादून जैसे शहरों में पढ़ने वाले लड़के ऑनलाइन क्लासेज नहीं ले पा रहे हैं. मेरा बेटा हिंदू कॉलेज में पढ़ता है. उसकी क्लासेज चल रही हैं, लेकिन नेटवर्क नहीं होने से वह मजबूर है."
(इनपुट-भाषा)