IND vs NZ: भारत-न्यूजीलैंड के बीच वनडे मैच होगा रद्द या बदलेगा वेन्यू? हाईकोर्ट पहुंचा विवाद
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IND vs NZ: भारत-न्यूजीलैंड के बीच वनडे मैच होगा रद्द या बदलेगा वेन्यू? हाईकोर्ट पहुंचा विवाद

भारत और न्यूजीलैंड के बीच फिलहाल वनडे सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज के पहले मैच में शुभमन गिल के बल्ले ने तूफान ला दिया. उन्होंने दोहरा शतक जड़ा और भारत ने देखते ही देखते 349 रन बना दिए. सीरीज का तीसरा वनडे इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है.

india vs new zealand (twitter)

India vs New Zealand 3rd ODI: भारत और न्यूजीलैंड के बीच फिलहाल वनडे सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज के पहले मैच में शुभमन गिल के बल्ले ने तूफान ला दिया. उन्होंने दोहरा शतक जड़ा और भारत ने देखते ही देखते 349 रन बना दिए. सीरीज का तीसरा वनडे इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है. इस मुकाबले को लेकर बड़ा विवाद हो गया है. इतना ही नहीं, मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर मध्यप्रदेश के क्रिकेट फैंस को राहत मिलती है या फिर वेन्यू बदला जाएगा.

टिकटों की कालाबाजारी पर विवाद

इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 24 जनवरी को भारत और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का तीसरा वनडे खेला जाना है. इससे पहले मैच के टिकटों की बिक्री या यूं कहें कि कालाबाजारी को लेकर विवाद खड़ा गया है. इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है जिस पर सुनवाई भी हुई. याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव का कहना है कि महज एक मिनट में 3 हजार से ज्यादा टिकट कैसे बिक गए. इतना ही नहीं, पांच मिनट में सारे टिकट बुक होने पर भी सवाल उठाए गए हैं. राकेश सिंह ने कहा है कि ऐसा कतई संभव नहीं है. इस पर मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) ने अपना पक्ष रखा. इसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

इतनी जल्दी कैसे बिक गए सारे टिकट? 

इंदौर में होने वाले मुकाबलों के टिकट की कालाबाजारी को लेकर राज्य के क्रिकेट संघ पर पहले भी उंगलियां उठती रही हैं लेकिन इस बार मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता राकेश सिंह की ओर से सीनियर एडवोकेट ब्रायन डी सिल्वा ने पक्ष रखा. उन्होंने तर्क दिया कि एमपीसीए ने 12 जनवरी को सुबह 6 बजे ऑनलाइन टिकटों की बिक्री शुरू की. ऑनलाइट साइटों से महज एक मिनट में 3118 टिकट बिक गए. अगले दूसरे मिनट में 1600 टिकट बिके और पांच मिनट के अंदर 6260 टिकटों की बिक्री हो गई. इतना ही नहीं, 15 मिनट मे सभी सस्ते टिकट बिक गए, जो इतने कम समय में असंभव है.

हैकर्स ने तो नहीं कर दी गड़बड़ी!

याचिकाकर्ता की दलील है कि बैंक ट्रांजेक्शन और फिर ओटीपी आने में ही एक-दो मिनट का समय लग जाता है, ऐसे में 17 हजार टिकट केवल 15 मिनट में बिकने से ऐसा पता चलता है कि कुछ गड़बड़ी है. इसमें कई नाम और मेल आईडी का इस्तेमाल हैकर्स के जरिए किया गया. इसके अलावा पेटीएम और पेटीएम इनसाइडर के अलावा तीसरी साइट को एक्सेस दे दिया गया, जिससे एकमुश्त टिकटों की खरीदारी कई गई. मामले की शिकायत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीसीसीआई को भी भेजी गई है.

MPCA ने भी रखा अपना पक्ष

इस मामले में एमपीसीए की ओर से एडवोकेट अजय बागड़िया ने पक्ष रखा. उनका कहना है कि एमपीसीए ने टिकटों की बिक्री की जिम्मेदारी पेटीएम को दी थी. उसी साइट से टिकटों की बिक्री हुई है और कोर्ट को एक-एक टिकट की जानकारी उपलब्ध कराई है. मिनटभर में 3 हजार से ज्यादा टिकट बिकने पर तर्क दिया गया है कि रेलवे के तत्काल टिकट की साइट जब खुलती है, तो एक मिनट में हजारों ट्रेनों के टिकट एक साथ बुक हो जाते हैं. फीफा वर्ल्ड कप के टिकट बिकने का भी हवाला दिया गया. 

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