IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली गई. इस सीरीज में टीम इंडिया को 2-1 से हार का सामना करना पड़ा. इस सीरीज में अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा तो वो खिलाड़ी है सूर्यकुमार यादव. सूर्या के बल्ले से लगातार तीन मैचों में कोई रन नहीं निकला.
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Kapil Dev on Suryakumar and Samson Comparison: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली गई. इस सीरीज में टीम इंडिया को 2-1 से हार का सामना करना पड़ा. इस सीरीज में अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा तो वो खिलाड़ी है सूर्यकुमार यादव. सूर्या के बल्ले से लगातार तीन मैचों में कोई रन नहीं निकला. रन तो दूर उन्होंने तीनों मैचों में कुल 3 गेंद ही खेलीं और हर मैच में पहली गेंद पर ही आउट हो गए. इसको लेकर अब टीम इंडिया के ही पूर्व क्रिकेटर ने बड़ा बयान दे दिया है.
इस दिग्गज ने कह दी बड़ी बात
भारत को क्रिकेट इतिहास में पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने यह बयान संजू सैमसन को सूर्यकुमार यादव से बेहतर बताए जाने को लेकर दिया है. कपिल देव ने एबीपी न्यूज पर बात करते हुए कहा कि अगर एक खिलाड़ी अच्छा क्रिकेट खेल रहा है तो उसे टीम में ज्यादा मौके मिलने ही चाहिए. आप सूर्यकुमार और संजू सैमसन की तुलना एक दूसरे से नहीं कर सकते. अगर संजू भी बुरे दौर से गुजर रहे होते तो आप किसी और की बात करने लगते.
सूर्यकुमार के सपोर्ट में कही ये बात
कपिल देव ने आगे कहा कि अगर सूर्यकुमार यादव को टीम मैनेजमेंट ने खिलाने का फैसला किया है, तो उन्हें भरपूर मौके दिए जाने चाहिए. लोग इस बारे में बात भी करेंगे अपनी राय भी देंगे लेकिन अंत में यह टीम मैनेजमेंट का ही फैसला है. तीसरे वनडे में सूर्या को सातवें नंबर पर खिलाए जाने को लेकर भी देव ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है. हमने पहले भी वनडे मुकाबलों में बैटिंग आर्डर बदलाव होते हुए देखा है. हो सकता है उन्हें इस नंबर पर भेजने का मकसद मैच फिनिश कराना हो.
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कोच-कप्तान को विश्वास दिलाना होगा
कपिल देव ने आगे कहा कि यह होता है जब किस बल्लेबाज के बैटिंग आर्डर में बदलाव किया जाता है तो उसका आत्मविश्वास डगमगाता जरूर है. यह खिलाड़ी की ही जिम्मेदारी है कि वह अपने कप्तान को जाकर विश्वास दिलाए कि मैं टॉप आर्डर में बल्लेबाजी कर सकता हूं. कोच और कप्तान को मिलकर इसपर फैसला लेना होता है.
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