IND vs AUS 1st ODI : भारतीय पेसर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले वनडे में कमाल का प्रदर्शन किया और 5 विकेट लिए. उनकी कलाई की पॉजिशन पर कई लोग बात करते हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि ये कैसे ठीक हुई.
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Mohali ODI, Mohammed Shami : टीम इंडिया के स्टार पेसर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) वर्ल्ड कप से पहले कड़ी तैयारियों में लगे हैं. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा हैं. शमी ने इस सीरीज के पहले वनडे में कमाल का प्रदर्शन किया और 5 विकेट लिए. शमी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. हालांकि उनकी कलाई की पॉजिशन पर कई लोग बात करते हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि ये कैसे ठीक हुई. उनके बचपन के कोच ने बड़ा राज खोला है.
मोहाली में 5 विकेट से जीता भारत
मोहाली के पीसीए आईएस बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने दमदार खेल दिखाया और सीरीज के पहले वनडे में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से मात दी. कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया. शमी ने 5 विकेट लिए जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम 276 रन पर ऑलआउट हो गई. इसके बाद भारत ने लक्ष्य 48.4 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया.
शमी का धमाल, 4 खिलाड़ियों के पचासे
टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने बल्ले और गेंद, दोनों से बेहतरीन खेल दिखाया. यूपी से ताल्लुक रखने वाले स्टार पेसर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, जिन्होंने वनडे करियर में दूसरी बार 5 विकेट झटके. इसके बाद भारत के 4 बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाए. शुभमन गिल (74) टॉप स्कोरर रहे जबकि ऋतुराज गायकवाड़ ने 71 रन बनाए. दोनों ने मिलकर 142 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की. फिर सूर्यकुमार यादव (50) और कप्तान केएल राहुल (नाबाद 58) ने अर्धशतक जड़े. राहुल जीत दिलाकर लौटे, जिन्होंने 63 गेंदों पर 4 चौके और 1 चौका लगाया.
कलाई के बारे में खुला राज
शमी की अविश्वसनीय सीम पोजीशन और उनकी कलाई का घुमाव गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत रही है. उनके बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने इसे लेकर बड़ी बात कही है. बदरुद्दीन ने कहा कि शमी की इस कला के पीछे उनके 'शिष्य' की कई साल की कड़ी मेहनत है. कोच ने कहा कि शमी ने इस पर पिछले 20 साल से काम किया है. बदरुद्दीन ने कहा, 'हर दिन वह एक पुरानी गेंद घर ले जाता. उनके पिता ने एक बार मुझे शमी के बिस्तर के सामने की दीवार पर लाल गेंदों का दाग दिखाया था. वह गेंद फेंकता था और फिर अपनी कलाई की स्थिति को सही करने के लिए उसे पकड़ लेता था.'
'कोई मेहनत पर बात नहीं करता'
बदरुद्दीन ने आगे कहा, 'शमी की इस मेहनत के कारण कितनी गेंदों ने अपना आकार खो दिया. हर कोई उनकी कलाई की स्थिति के बारे में बात करता है, लेकिन इसे सही करने के लिए उन्होंने जो मेहनत की है, उसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. मैंने ऐसे कई गेंदबाज देखे हैं जिनकी कलाई की स्थिति अच्छी है, लेकिन कुछ समय बाद वो पहले जैसा नहीं रहेगी. इसका कारण यह है कि वे इसके लिए कड़ी मेहनत नहीं करते हैं.'