18 साल के क्रिकेट करियर को पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने कहा अलविदा. अनिल कुंबले (Anil Kumble) और सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को बताया महान कप्तान.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने संन्यास की घोषणा करने के बाद कहा कि दिग्गज भारतीय खिलाड़ी अनिल कुंबले (Anil Kumble) के साथ उनके पहले टेस्ट कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ‘सही मायनों में नेतृत्वकर्ता’ थे और क्रिकेट के अलावा जिंदगी में भी उनपर इन दोनों खिलाड़ियों का काफी प्रभाव रहा है.
इस 35 साल के इस खिलाड़ी ने 18 साल के अपने क्रिकेट करियर को अलविदा करते हुए कहा कि गुजरात के लिए घरेलू क्रिकेट के लगभग सभी खिताब के अलावा तीन बार आईपीएल (IPL) चैम्पियन बनने के बाद आगे बढ़ने का यह ‘सही समय’ है.
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पार्थिव (Parthiv Patel) ने कहा, ‘लोगों के प्रबंधन कौशल के मामले में मैं हमेशा सौरव गांगुली को सही मायने में नेतृत्वकर्ता मानता हूं. सौरव और अनिल महान कप्तान थे. मैं आज जो हूं उसे बनाने में उनका काफी योगदान है’.
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास अभी भी पहले टेस्ट मैच की टोपी है जिसे दादा (गांगुली) ने मुझे दिया था. हेडिंग्ले (2002) और एडीलेड (2003-04) में टेस्ट जीत और रावलपिंडी में पारी का आगाज करते हुए अर्धशतक लगाना मेरे लिए सबसे यादगार लमहे है’.
उन्होंने कहा कि वह पिछले एक साल से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे लेकिन यह सबसे बेहतर समय है.
उन्होंने कहा, ‘इस फैसले के बाद मुझे शांति की अनुभूति हुई और मैं ठीक से नींद ले पाया. मेरे परिवार के सदस्यों की आंखे हालांकि नम थी. मैं एक साल से इस पर विचार कर रहा था और 18 साल के बाद शायद ही कुछ और हासिल करने के लिए बचा था’.
पार्थिव (Parthiv Patel) ने कहा, ‘मैंने सभी घरेलू टूर्नामेंट जीते हैं. इसमें तीन आईपीएल ट्रॉफी भी है. मुझे लगता है गुजरात क्रिकेट सही जगह है’.
महेंद्र सिंह धोनी के युग में विकेटकीपर के तौर पर खेलना एक आसान काम नहीं था, लेकिन पार्थिव ने खेल के प्रति अपने जज्बे से गुजरात जैसे राज्य को घरेलू क्रिकेट की मजबूत टीम बनाने में अहम भूमिका निभाई.
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उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम 2009 में न्यूजीलैंड दौरे पर गयी थी. मैंने उससे पहले रणजी ट्रॉफी में 800 रन बनाए थे और दिलीप ट्रॉफी के फाइनल में शतक बनाया था. मुझे राष्ट्रीय टीम में तब जगह नहीं मिली. मुझे लगा करियर खत्म हो गया. लेकिन फिर मैंने कुछ और सोचा और यह एक टीम को खड़ा करने का फैसला था’.