PM Modi Sits on Floor For Navdeep Singh: नवदीप सिंह को बचपन से ही बौनापन के कारण लोगों के कड़वे कमेंट्स का सामना करना पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने आवास पर भारत के पैरालंपियन खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें रिकॉर्ड 29 पदक जीतने के लिए बधाई दी.
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PM Modi Sits on Floor For Navdeep Singh: जिसके सामने जमीन पर बैठ गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिर वह साढ़े चार फिट का नवदीप सिंह कौन है, इसे जानने के लिए ज्यादातर भारतीय फैंस के मन में उत्सुकता है. पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक एफ 41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवदीप सिंह ने आक्रामक तेवर दिखाए जिसके बाद से ही वह फेमस हो गए हैं. नवदीप सिंह को बचपन से ही बौनापन के कारण लोगों के कड़वे कमेंट्स का सामना करना पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने आवास पर भारत के पैरालंपियन खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें रिकॉर्ड 29 पदक जीतने के लिए बधाई दी.
जमीन पर बैठ गए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवदीप सिंह से बातचीत के दौरान भावुकता के साथ विनम्रतापूर्वक टोपी स्वीकार करने के लिए फर्श पर बैठ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कर सभी देशवासियों का दिल जीत लिया है. कम लंबाई के कारण एफ41 वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले नवदीप सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने उस हाथ पर हस्ताक्षर करवाए जिसका इस्तेमाल वह भाला फेंकने के लिए करते हैं. बता दें कि छोटे कद से पीड़ित नवदीप सिंह को हरियाणा के पानीपत जिले में अपने गांव में प्रशिक्षण की सामान्य कठिनाइयों के साथ लोगों के क्रूर तानों का भी सामना करना पड़ता था.
(@ANI) September 12, 2024
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कौन हैं नवदीप सिंह?
नवदीप सिंह ने उन उपहासों को सफलता में बदलते हुए खेल के सबसे बड़े मंचों में से एक पैरालंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया. चार फीट चार इंच कद का 23 साल का यह खिलाड़ी भाला फेंक के एफ41 वर्ग में भारत का पहला स्वर्ण पदक विजेता बना. नवदीप का जन्म साल 2000 में समय से पहले हो गया था. जब वह दो साल के थे तब उनके माता-पिता को एहसास नहीं हुआ कि उनके बेटे में बौनापन है. उनके पिता, दलबीर सिंह राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे और उन्होंने खेलों में आगे बढ़ने के लिए अपने बेटे का पूरा समर्थन किया.
आयकर विभाग में निरीक्षक के रूप में काम
नवदीप सिंह ने 10 साल की उम्र में अपनी एथलेटिक यात्रा शुरू की, राष्ट्रीय नायक नीरज चोपड़ा से प्रेरित होने के बाद भाला फेंक में पहचान पाने से पहले उन्होंने कुश्ती और दौड़ में हाथ आजमाया. नवदीप सिंह आयकर विभाग में निरीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. मौजूदा समय में नवदीप बेंगलुरु में पोस्टेड हैं. गोल्ड मेडल विजेता भाला फेंक पैरा-थ्रोअर नवदीप सिंह कहते हैं, 'देश लौटने के बाद अच्छा लग रहा है क्योंकि हमें जो समर्थन और सम्मान मिल रहा है - साथ ही लोग पैरा-एथलीटों को पहचान रहे हैं और हमें उचित सम्मान दे रहे हैं. यह (प्रधानमंत्री मोदी के साथ) एक अच्छी मुलाकात थी, उन्होंने हमें बधाई दी. उन्होंने हमें प्रेरित किया- इस सफलता से उत्साहित न होने और भविष्य में और अधिक पदकों के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए.'
दिल्ली की हवा लग गई
पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक एफ 41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले नवदीप सिंह ने पैरालंपिक में थ्रो के दौरान आक्रामकता दिखाने के विवाद पर कहा कि पिछले 5-6 साल दिल्ली में ही रहा, तो इधर के हवा-पानी में कुछ ऐसा रहा होगा जो यह हो गया लेकिन बाकी सब कुछ ठीक है. नवदीप सिंह ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, देखिए परिश्रम लगता है. मेहनत लगती है। वो सारी चीजें हो जाती हैं. मैं पिछले 5-6 साल ट्रेनिंग के लिए दिल्ली रहा. इधर के हवा -पानी में ऐसा कुछ होगा जो यह सब हो गया लेकिन बाकी सब ठीक है.