जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच होता है तो स्लेजिंग की खबर अकसर सुनने को मिलती है, साल 2017 के बेंगलुरु टेस्ट में भी कुछ ऐसा ही हुआ था.
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के मिडल ऑर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने बेंगलुरू टेस्ट के दौरान स्टीव स्मिथ और उनके गैंग के द्वारा की गई स्लेजिंग का खुलासा किया है. पुजारा ने बताया कि किस तरह से ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर ये मान लिया था कि उनकी टीम मैच जीत चुकी है क्योंकि उनको इस बात का यकीन था कि भारतीय खिलाड़ी दबाव नहीं सहन कर पाएंगे और यूँ ही बिखर जाएंगे. पर जैसा ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सोचा था वैसा हुआ नहीं क्योंकि पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने उनके सपनों को साकार नहीं होने दिया और एक बड़ी साझेदारी करके भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
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बेंगलुरू टेस्ट न सिर्फ भारत की अप्रत्याशित जीत के लिए खबरों में था, इसके साथ ही ये टेस्ट विवादों की वजह से भी सुर्खियों में छाया रहा था. यही वो मैच था जिसमें विराट कोहली ने स्टीव स्मिथ पर चीटिंग करने का आरोप लगाया था और उन्हें चीटर तक कह दिया था. मैदान पर दोनों टीमों के बीच टेंशन साफ झलक रही थी और हर गेंद के बाद दोनों ही टीमों पर मैच जीतने का प्रेशर लगातार बढ़ता ही जा रहा था.
ऐसे में विराट कोहली के सस्ते में आउट होने के बाद पुजारा और रहाणे ने भारत की पारी को संभाला. इन दोनों की साझेदारी के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों ने दोनों को कई बार स्लेज किया पर पुजारा और रहाणे ने हर बार इसे नजरअंदाज कर दिया. अंत में पुजारा और रहाणे की मेहनत रंग लायी और भारत ने मैच जीतकर सीरीज में वापसी की. भारत ने धर्मशाला में अगला टेस्ट जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली.
किस्से का जिक्र करते हुए पुजारा ने बताया, 'बेंगलुरू टेस्ट की पहली पारी में हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की थी. ऐसे में जब मैं खेलने जा रहा था तो मुझपर काफी दबाव था. पहली पारी के बाद अनिल कुंबले ने मुझसे नॉथन लॉयन के खिलाफ खेलने के संबंध में बात की. मैं एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) गया था जहां कुछ पहलुओं पर काम किया जिन्होंने मेरी मदद भी की. दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए आते वक्त मुझपर काफी दबाव था.
पुजारा ने कहा, 'जिस तरह की चीजें उन्होंने स्लेज करने के लिए की, मुझे लगता है कि वो जो भी करना चाहते थे उससे कुछ ज्यादा ही कर रहे थे. उनका सोचने का तरीका ऐसा था मानो वो मैच जीत ही चुके हैं. चाय काल तक मैं अजिंक्य रहाणे के साथ था. हम ड्रेसिंग रूम की तरफ आ रहे थे तो उन्होंने इस तरह से स्लेज किया जैसे मैच खत्म हो गया हो. बस वहीं से चीजें बदल गई.'
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