Rohit Sharma: टूटा अंगूठा, टांके लगवाकर बैटिंग करने उतरे रोहित; कप्तान के साहस ने जीता सभी का दिल
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Rohit Sharma: टूटा अंगूठा, टांके लगवाकर बैटिंग करने उतरे रोहित; कप्तान के साहस ने जीता सभी का दिल

Rohit Sharma Against Bangladesh: रोहित शर्मा ने चोटिल होने के बावजूद बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में आतिशी पारी खेली, लेकिन फिर भी वह टीम को जीत नहीं दिला पाए. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और साहस से सभी का दिल जीत लिया. 

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Rohit Sharma Batting: बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में भले ही टीम इंडिया को 5 रनों से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस मैच में चोटिल हुए भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया. उन्होंने 9वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरकर, विरोधी टीम की सांसे थाम दी थी. एक समय जीत बांग्लादेश के हाथ से निकलती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन आखिरी गेंद पर रोहित शर्मा बड़ी हिट नहीं लगा पाए और टीम इंडिया को मुकाबला 5 रनों से गंवाना पड़ा. 

चोटिल होने के बाद भी बल्लेबाजी के लिए उतरे 

बांग्लादेश टीम की बल्लेबाजी के दौरान रोहित शर्मा पारी के दूसरे ही ओवर में चोटिल हो गए थे. तब मोहम्मद सिराज की गेंद पर वह कैच लेने के चक्कर में अपना अंगूठा चोटिल करवा बैठे. इसके बाद वह मैदान के बाहर चले गए और अस्पताल में उनका स्कैन करवाया गया, लेकिन टीम इंडिया को मुश्किल में देखकर वह बल्लेबाजी करने के लिए उतरे और अपनी बैटिंग से सभी का दिल जीत लिया. 

रोहित ने की आतिशी बैटिंग 

जब भारतीय कप्तान रोहित शर्मा बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे. तब टीम इंडिया को जीत के लिए 42 गेंदों में 64 रनों की जरूरत थी. रोहित ने मैदान पर आते ही रनों की बरसात कर दी. उन्होंने ग्राउंड के हर तरफ स्ट्रोक लगाए. उनकी बल्लेबाजी देखकर विरोधी गेंदबाजों ने दांतों तले अंगुलियां दबा लीं. उन्होंने सिर्फ 28 गेंदों में 51 रन बनाए, जिसमें तीन चौके और 5 लंबे छक्के शामिल थे. टीम इंडिया को आखिरी दो गेंदों पर 2 छक्के की जरूरत थी, लेकिन रोहित सिर्फ एक ही लगा सके. 

पट्टी बांधकर मैदान पर आए 

रोहित शर्मा के अंगूठे में चोट लगी थी. उन्हें हाथ में टांगे भी लगे थे, लेकिन टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थिति में देखकर वह रुके नहीं और मैदान पर आते ही ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी की. उनका हौसला, साहस और बैटिंग सभी हैरान करने वाली थी. मुस्तफिजुर रहमान की आखिरी गेंद पर वह छ्क्का नहीं लगा पाए, लेकिन अपने साहस उन्होंने सभी का दिल जीत लिया. 

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