Indian Team: भारतीय गेंदबाजी पिछले कुछ सालों में बहुत ही मजबूत हुई है. टीम इंडिया के पास कई घातक गेंदबाज हैं, जो विरोधी टीम को ध्वस्त करने का दम रखते हैं.
Trending Photos
Indian Team: पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम ने विदेशों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है. इसमें रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) की बैटिंग ही नहीं, बल्कि भारत की जीत का एक और खास कारण रहा है. इसकी वजह से ही भारत (India) ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड (England) और साउथ अफ्रीका (South Africa) में जीत के झंडे गाड़े.
भारतीय तेज गेंदबाजी पिछले कुछ सालों में बहुत ही मजबूत हुई है. टीम इंडिया (Team India) के पास कई ऐसे बॉलर हैं, जो 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं. इनमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव (Umesh Yadav) और टी नटराजन शामिल हैं. इन गेंदबाजों की बदौलत ही विदेशों में भारत ने विरोधी टीमों को धूल चटाई है. पिच चाहे कैसी भी हो इन गेंदबाजों ने 20 विकेट हासिल किए. विरोधी बल्लेबाजों के लिए ये गेंदबाज काल साबित हुए हैं.
फतह किए बड़े-बड़े किले
2000 से पहले विदेशों में हमारी जीत का प्रतिशत 8% था, जो अब बढ़कर 46% हो गया है. भारत ने पिछले 8 सालों में विदेशी सरजमीं पर 8 टेस्ट मैच जीते हैं, तो इसमें सबसे बड़ा योगदान बॉलर्स का ही रहा. वह टीम इंडिया की मजबूत कड़ी बनकर उभरे. वहीं, वक्त के साथ भारत के पास गेंदबाजों की नई फौज तैयार हुई, जिसका तोड़ विरोधी टीमें नहीं ढूंढ पाईं. भारत (India) ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड (New Zealand) और श्रीलंका के बड़े किले फतह किए.
पांच गेंदबाजों के साथ खेलने पर हुआ फायदा
जब विराट कोहली (Virat Kohli) और महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) कप्तान थे. तब वह पांच गेंदबाजों के साथ खेलते थे, जिसका फायदा भारतीय टीम को मिला. भारत के पास सटीक लाइन-लेंथ, रफ्तार से पूर्ण और यॉर्कर फेंकने वाले सभी तरह के गेंदबाज मौजूद थे. इंग्लैंड दौरे पर रोहित शर्मा अपनी कप्तानी में पहला विदेश दौरा करेंगे. अब टीम इंडिया (Team India) में कई स्टार गेंदबाज हैं, जो विरोधी टीम को धराशाई कर सकें.