Team India: भारत को 18 अगस्त से जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है, जिसके लिए एक नए और अनजान खिलाड़ी की अचानक टीम इंडिया में एंट्री हुई है. इस खिलाड़ी को आरसीबी के लिए दो सीजन में कोहली, फाफ डु प्लेसिस, माइक हेसन जैसे दिग्गजों के साथ काम करने से काफी मदद मिली है.
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Team India: भारत को 18 अगस्त से जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है, जिसके लिए एक नए और अनजान खिलाड़ी की अचानक टीम इंडिया में एंट्री हुई है. दरअसल, चोटिल ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर की जगह शाहबाज अहमद को जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है. शाहबाज अहमद IPL में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं. साल 2016 में बंगाल की अंडर-23 टीम सीके नायडू ट्रॉफी में रेलवे से पहली पारी में पिछड़ गई थी जबकि बड़ौदा के खिलाफ उसे हार का सामना करना पड़ा तभी टीम के मुख्य कोच सौराशीष लाहिड़ी बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के तत्कालीन अध्यक्ष सौरव गांगुली के पास पहुंचे.
टीम इंडिया में अचानक हुई इस अनजान खिलाड़ी की एंट्री
गांगुली ने कोच से पूछा, ‘पेस्टी (लाहिड़ी का निकनेम) आप तपन मेमोरियल क्लब का प्रतिनिधित्व करने वाले हरियाणा के किसी खिलाड़ी के बारे में बता रहे थे. मैंने उसके आंकड़े देखे है वह काफी रन बना रहा है और विकेट भी चटकाए हैं.’
गांगुली को भी किया था इंप्रेस
गांगुली ने आगे कहा, ‘वह शानदार खिलाड़ी दिख रहा है. उसमें कुछ विशेष प्रतिभा होगी. अगले मैच में आप उसे मौका देने के बारे में क्यों नहीं सोच रहे.’ और यही से शाहबाज अहमद ने भारतीय क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी. हरियाणा के मेवात क्षेत्र के शाहबाज को चोटिल वॉशिंगटन सुंदर की जगह भारतीय टीम में शामिल किया गया है.
हर सीजन में लगभग 1000 रन बनाए और 50 विकेट चटकाए
लाहिड़ी ने कहा, ‘कल ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम सीएबी में रात्रिभोज कर रहे थे और दादा ने मुझ से हंसते हुए कहा कि याद है , ‘मैंने क्या कहा था.’ आप परखने की उनकी क्षमता पर सवाल नहीं उठा सकते है.’ लाहिड़ी ने बताया कि शाहबाज ने उसके बाद हर सत्र में लगभग 1000 रन बनाए और 50 विकेट चटकाए.
शाहबाज के आने के बाद परिस्थितियां बदल गई
लाहिड़ी ने कहा, ‘शाहबाज ने क्लब स्तर पर ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया था. उस समय तपन मेमोरियल क्लब मोहन बागान, ईस्ट बंगाल या कालीघाट जैसे क्लबों को टक्कर नहीं दे पाता था, लेकिन शाहबाज के आने के बाद परिस्थितियां बदल गई.’
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया
शाहबाज की यह सफलता रणजी ट्रॉफी में जारी रही. प्रथम श्रेणी में 41 और लिस्ट ए मैचों में 47 का बल्लेबाजी औसत उन्हें खास बनाता है. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए दबाव में बेहतर प्रदर्शन कर उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया. इंजीनियरिंग में स्नातक करने वाले शाहबाज ने घरेलू स्तर पर प्रथम श्रेणी में 57, लिस्ट ए में 24 और टी20 में 39 विकेट लिए हैं. उन्हें आरसीबी के लिए दो सत्र में कोहली, फाफ डु प्लेसिस, माइक हेसन जैसे दिग्गजों के साथ काम करने से खिलाड़ी के तौर पर सुधार करने में उन्हें काफी मदद मिली है.
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