Indian Cricket Team: टीम इंडिया के पास अब एक ऐसा खिलाड़ी है, जो रवींद्र जडेजा की तरह ही एक घातक ऑलराउंडर बनेगा और भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने उसे बहुत कीमती पत्थर बताया है. साल 2022 ऐसा साल रहा है, जहां चोटों ने वॉशिंगटन सुंदर को भारत की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने से रोका है.
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Indian Team: टीम इंडिया के पास अब एक ऐसा खिलाड़ी है, जो रवींद्र जडेजा की तरह ही एक घातक ऑलराउंडर बनेगा और भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने उसे बहुत कीमती पत्थर बताया है. साल 2022 ऐसा साल रहा है, जहां चोटों ने वॉशिंगटन सुंदर को भारत की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने से रोका है, लेकिन चेन्नई स्थित इस युवा खिलाड़ी ने जो मैच खेले हैं उनमें बल्ले और गेंद से ऐसी झलक दिखाई है जिससे लोगों को भरोसा होने लगा है कि वह भारत के लिए विशुद्ध ऑलराउंडर हैं. भारत की हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज ने सुंदर की ऑलराउंड क्षमता को पूरी तरह उभारा है.
टीम इंडिया के लिए जडेजा जैसा घातक ऑलराउंडर बनेगा ये खिलाड़ी
ऑकलैंड में वॉशिंगटन सुंदर ने 16 गेंदों में 37 रन बनाकर भारत को 300 के पार पहुंचाया था. क्राइस्टचर्च में वॉशिंगटन सुंदर ने 64 गेंदों में 51 रन बनाए और भारत को 200 के पार पहुंचाया. वॉशिंगटन सुंदर को हालांकि सीरीज में एक भी विकेट नहीं मिला, लेकिन उनकी इकोनॉमी दर 4.46 के साथ सर्वश्रेष्ठ थी.
दिग्गजों ने बताया बहुत कीमती पत्थर
पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन के अनुसार, वॉशिंगटन सुंदर ऐसा कीमती पत्थर हैं जिन्हें तराशा जाना चाहिए और वह स्पिन ऑलराउंडर बनने के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा, 'यदि आप हार्दिक पांड्या को तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर मानते हैं तो हम वॉशिंगटन सुंदर को स्पिन गेंदबाजी आलराउंडर कह सकते हैं.'
बल्लेबाजी और गेंदबाजी में पूरी तरह से फिट
शिवरामाकृष्णन ने कहा, 'दोनों टीम में पूरी तरह से फिट बैठेंगे क्योंकि दोनों बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर सकते हैं. उनमें से एक को पांचवें गेंदबाजी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है या दोनों 10 ओवर साझा कर सकते हैं क्योंकि वे बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं. वॉशिंगटन ऐसा कीमती पत्थर हैं जो हमने खोजा है. उन्हें संभालना होगा और परिपक्व बनाना होगा.'
दुनिया को दिखाया अपना दम
शिवरामकृष्णन ने तुरंत यह भी याद दिलाया कि वॉशिंगटन सुंदर की बल्लेबाजी पहले टेस्ट में सामने आई. उन्होंने कहा, 'ब्रिस्बेन (पहली पारी में 62) और चेन्नई (नाबाद 96) को मत भूलिए. वह किसी भी परिस्थिति में बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं. चेन्नई में आप ऐसी पिचों पर खेलते हैं, जहां बाल को टर्न मिलता है जबकि ब्रिस्बेन में गेंद तेजी से जाती है. उन्होंने इन दोनों स्थलों पर रन बनाए हैं. उन्होंने अपना करियर बल्लेबाज के तौर पर शुरू किया था और फिर ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करने लगे जिस तरह रविचंद्रन अश्विन करते हैं.'
मानसिक रूप से मजबूत
पूर्व लेग स्पिनर ने कहा, 'आखिरी बार मैंने उन्हें एक कार्यक्रम में देखा था. वह बहुत पतले थे. अपने करियर के दौरान मैं भी पतला था, लेकिन वह मुझसे भी पतले थे. लेकिन वह अब अच्छी शेप में नजर आ रहे हैं और मानसिक रूप से मजबूत हैं. जब आप मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और बहुत फिट होते हैं तो आपका आत्मविश्वास अपने आप ऊंचा हो जाता है.'
(Source - IANS)
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