400 से ज्यादा विकेट लेने वाले रिचर्ड हैडली और टेेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह हैं इस लिस्ट में शामिल.
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नई दिल्ली: क्रिकेट में कुछ दिन बेहद खास होते हैं. इन्हीं में से एक दिन 3 जुलाई का भी कहा जा सकता है. इस दिन को गेंदबाजों का दिन भी कहा जा सकता है. कारण है इस दिन 1 या 2 नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पूरे 1090 विकेट आपस में शेयर करने वाले 5 गेंदबाजों का जन्म होना. इन 5 गेंदबाजों में भी दो दिग्गज तो ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में 400 से ज्यादा विकेट चटकाए थे. इस लिस्ट में एक भारतीय गेंदबाज भी शामिल है. आइए इन पांचों गेंदबाजों को #HappyBirthday कहते हैं.
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टेस्ट क्रिकेट के पहले 400+ बने थे रिचर्ड हैडली
3 जुलाई 1951 को जन्मे रिचर्ड हैडली (Richard Hadlee) आज 69 साल के हो गए. हैडली को क्रिकेट इतिहास में न्यूजीलैंड ही नहीं बल्कि दुनिया के महानतम ऑलराउंडरों में से एक गिना जाता है. जिस तरह अपने समय में लगभग अकेले दम पर भारतीय गेंदबाजी का दारोमदार कपिल देव (Kapil Dev) ने संभाला था, ठीक वैसे ही उनके समकालीन रिचर्ड हैडली ने कीवी गेंदबाजी की बागडोर थामकर नेतृत्व किया था.
हैडली की सबसे बड़ी उपलब्धि थी टेस्ट क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाला पहला गेंदबाज बनने की. उन्होंने 86 टेस्ट मैच के अपने करियर में 3124 रन बनाने के अलावा महज 22.29 के औसत से 431 विकेट चटकाए थे, जिसमें 36 बार पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा भी शामिल था. टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्ले से बेस्ट परफॉर्मेंस नॉटआउट 151 रन था तो गेंदबाजी में पारी में 52 रन देकर 9 विकेट और मैच में 123 रन देकर 15 विकेट उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन था.
टर्बनेटर हरभजन के नाम से कांपता था ऑस्ट्रेलिया
3 जुलाई, 1980 को जन्मे हरभजन सिंह आज 40 साल के हो गए हैं. भज्जी और टर्बनेटर जैसे निकनेम से पहचाने गए हरभजन को सबसे ज्यादा याद 2001 के ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट के लिए किया जाता है, जिसमें वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की ऐतिहासिक फॉलोऑन साझेदारी के बाद हरभजन की गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को रौंद दिया था. हरभजन सिंह टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए हैट्रिक बनाने वाले पहले गेंदबाज भी बने थे.
हालांकि अपने करियर के दौरान कई बार विवादों में भी रहे हरभजन के मंकीगेट कांड और एस. श्रीसंत को आईपीएल मैच में चांटा मार देने के कारनामे कौन भूल सकता है. लेकिन उन्हें टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले रिकी पोंटिंग के खिलाफ अपने वर्चस्व के लिए भी याद रखा जाता है. भज्जी ने पोंटिंग को 2001 की सीरीज में 5 बार 12 रन से कम के स्कोर पर आउट किया था. अपने करियर में हरभजन ने 103 मैच में 2 शतक के साथ 2224 रन बनाने के अलावा 32.46 के औसत से 417 विकेट भी चटकाए थे. पारी में 5 विकेट 25 बार लेने वाले हरभजन ने 5 बार मैच में 10 विकेट चटकाए थे और उनका बेस्ट पारी में 84 रन देकर 8 विकेट व मैच में 217 रन देकर 15 विकेट का था.
Born today... 1090 Test wickets!
In 1950: Even Chatfield - 123 wickets
In 1951: Sir Richard Hadlee - 431 wickets
In 1952: Wasim Raja - 51 wickets
In 1976: Henry Olonga - 68 wickets
In 1980: Harbhajan Singh - 417 wickets— Mohandas Menon (@mohanstatsman) July 3, 2020
सचिन तेंदुलकर भी मुरीद थे हेनरी ओलोंगा के
3 जुलाई 1976 को जन्मे जिंबाब्वे के हेनरी ओलोंगा (Henry Olonga) आज 44 साल के हो गए हैं. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को अपने बाउंसर पर चौंकाकर आउट करने का कारनामा उनके करियर में एक ही बार कोई गेंदबाज कर पाया है और वो गेंदबाज हेनरी ओलोंगा ही थे. अगले मैच में ओलोंगा की गेंदबाजी की बखिया उधेड़कर बदला लेने वाले सचिन हमेशा उनकी गेंदबाजी के मुरीद रहे. जिंबाब्वे क्रिकेट में फैले उपद्रव का विरोध करने के कारण ओलोंगा को अपना करियर जल्द खत्म करना पड़ा, लेकिन उन्होंने क्रिकेट मैदान से बाहर अपने रॉक म्यूजिक के लिए भी नाम कमाया. ओलोंगा ने 30 टेस्ट मैच में 38.52 के औसत से 68 विकेट चटकाए थे, जिसमें 70 रन देकर 5 विकेट उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा था.
चैटफील्ड ने शेयर की थी हैडली के साथ नई गेंद
3 जुलाई, 1950 को जन्मे न्यूजीलैंड के इवान चैटफील्ड (Ewen Chatfield) आज 70 साल के हो गए हैं. चैटफील्ड ने हैडली के साथ अपना बर्थडे ही नहीं बल्कि न्यूजीलैंड के लिए नई गेंद भी शेयर की थी. अपने 43 टेस्ट मैच के करियर में 123 विकेट लेने वाले चैटफील्ड का पूरा करियर हैडली की छाया में दबा रहा. उन्हें 1974-75 में मैदान पर नंबर 11 बल्लेबाज के तौर पर आने के बाद छाती में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज पीटर लीवर (Peter Lever) की गेंद लग जाने के कारण बेहोश हो जाने की घटना का कारण सबसे ज्यादा याद किया जाता है.
चैटफील्ड की दिल की धड़कन थम गई थी. किसी तरह इंग्लैंड के फिजियोथेरेपिस्ट (Bernard Thomas) ने उनकी छाती की मसाज करके और मुंह से सांस देकर उनकी धड़कन दोबारा चालू की. उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां 1 घंटे बाद उन्हें होश आया था. इसके अलावा रिकॉर्डबुक में उनका नाम भारतीय तेज गेंदबाज चेतन शर्मा (Chetan Sharma) की तरफ से 1987 वर्ल्ड कप में ली गई हैट्रिक में आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज के तौर पर भी दर्ज है. यह वर्ल्डकप के इतिहास की पहली हैट्रिक थी.
इमरान खान की गेंदों पर बिना पैड के बल्लेबाजी करते थे वसीम
3 जुलाई 1952 को जन्मे पाकिस्तान के ऑलराउंडर वसीम राजा (Wasim Raja) अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन 23 अगस्त 2006 को महज 54 साल की उम्र में निधन से पहले वसीम के लिए हमेशा पूरी दुनिया ने कहा कि उन्हें टेलेंट के हिसाब से मौका नहीं दिया गया. पूर्व पाकिस्तानी कप्तान रमीज राजा (Ramiz Raja) के बड़े भाई वसीम ने 57 टेस्ट मैच में 2,821 रन बनाने के साथ ही एक लेग स्पिनर के तौर गर 51 विकेट भी लिए थे. लेकिन सीनियर क्रिकेटरों के साथ नहीं बनने के कारण न तो कभी उनका बल्लेबाजी क्रम स्थायी होने दिया गया और न हीं उन्हें लगातार गेंदबाजी का मौका दिया गया. इसके चलते वे कभी अपने टेलेंट के हिसाब से प्रदर्शन ही नहीं कर पाए.