BCCI में तनातनी : अमिताभ चौधरी ने CoA से मंजूरी लिए बिना जीएम का कान्ट्रेक्ट बढ़ाया
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BCCI में तनातनी : अमिताभ चौधरी ने CoA से मंजूरी लिए बिना जीएम का कान्ट्रेक्ट बढ़ाया

प्रशासक समिति  की तरफ से एक किनारे किए गए बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने आज पलटवार करते हुए महाप्रबंधक प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी को तीन महीने का कार्य विस्तार दे दिया.

बीसीसीआई में प्रशासक समिति और कार्यवाहक अधिकारी के बीज तनातनी का यह नया मामला है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : बीसीसीआई और उसकी प्रशासक समिति के बीच खींचतान जारी है. ताजा मामले में इस बार प्रशासक समिति, सीओए, की तरफ से एक किनारे किए गए बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने आज पलटवार करते हुए महाप्रबंधक (खेल विकास) प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी को तीन महीने का कार्य विस्तार दे दिया. हालांकि शेट्टी को दिए गए विस्तार की वैधता पर सवालिया निशाना बना रहेगा क्योंकि इसे सीओए प्रमुख विनोद राय की मंजूरी नहीं मिली है.

  1. अमिताभ चौधरी ने महाप्रबंधक का अनुबंध बढ़ाया
  2. इसमें सीओए की मंजूरी नहीं ली थी चौधरी ने
  3. पहले भी होते रहें हैं इस प्रकार के विवाद
  4.  

सीओए ने भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के पूर्व प्रमुख नीरज कुमार को दो महीने का विस्तार देते हुए शेट्टी को विस्तार देने के कार्यवाहक सचिव चौधरी के अनुरोध को नकार दिया था. शेट्टी बोर्ड से पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से जुड़े हुए हैं.

नतीजतन नाराज चौधरी ने एसीयू के नये प्रमुख अजित सिंह की नियुक्ति पर हस्ताक्षर ना करने का फैसला किया था. सीओए के निर्देश पर सीईओ राहुल जौहरी ने नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी.

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हालांकि आज जब बीसीसीआई की घरेलू श्रृंखला के मीडिया अधिकारों की नीलामी हो रही थी, कार्यवाहक सचिव चौधरी ने शेट्टी को एक पत्र भेजकर उनके सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी. ऐसा कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना एवं कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी के साथ विचार विमर्श के बाद किया गया.

इस ईमेल की एक प्रति पीटीआई के पास है और इसे सीओए के पास भी भेजा गया है.पत्र में लिखा गया कि बीसीसीआई के पदाधिकारी क्रिकेट संगठन के प्रति शेट्टी के अमूल्य सेवाओं को मान्यता देने में माननीय समिति के साथ संयुक्त रूप से सहमत हैं और इसलिए पुरानी शर्तों के साथ बोर्ड की ओर से उनका अनुबंध 30 जून, 2018 तक बढ़ाया जा रहा है.

 ई नीलामी के मामले में जौहरी और अमिताभ में हुआ था ‘पत्राचार’
इससे पहले  अगले पांच साल के लिए भारतीय टीम के अंतरराष्ट्रीय मैचों के मीडिया अधिकारों को लेकर बोर्ड की पहली ई नीलामी के मामले में बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के बीच ठन चुकी है. चौधरी ने अपने ईमेल में लिखा था ,‘‘ चूंकि ई नीलामी का यह पहला अनुभव है लिहाजा हमें प्रक्रिया सरल रखनी चाहिए और सर्वश्रेष्ठ कीमत हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए.’’ उन्होंने लिखा,‘‘ इसमें सभी बोली लगाने वालों को बराबरी का मौका भी मिलना चाहिए. एक विशेषज्ञ एजेंसी की नियुक्ति से यह सुनिश्चित हो सकेगा.’’

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जौहरी ने कहा कि ई नीलामी को सरल बनाया गया है और चौधरी की आशंकायें निर्मूल हैं. उन्होंने कहा,‘‘ बोली लगाने वालों के लिए व्यक्तिगत कार्यशालायें आयोजित की गई है ताकि उन्हें पूरी प्रक्रिया की जानकारी रहे. उनके फीडबैक के आधार पर प्रक्रिया को आगे और सरल किया गया है.’’ 

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति एवं सीईओ राहुल जौहरी और तीनों शीर्ष पदाधिकारियों( सी के खन्ना, अमिताभ चौधरी, अनिरूद्ध चौधरी) के बीच लड़ाई हर दिन तेज होती जा रही है और दोनों पक्षों में संवाद का सभी जरिया बंद हो चुका है.

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15 मार्च को राय ने प्रभावशाली तरीके से पदाधिकारियों से सभी कार्यकारी अधिकार छीनकर उन्हें सीईओ को रिपोर्ट करने पर मजबूर कर दिया था. जहां उच्चतम न्यायालय ने सीओए को लोढा समिति की सिफारिशों के अनुरूप नया संविधान लागू करने का निर्देश दिया था, पदाधिकारी संगठन के रोजाना के कामकाज में विनोद राय और खासकर डायना एडुल्जी की कथित भूमिका को लेकर बार बार सवाल उठाते रहे हैं.
(इनपुट भाषा)

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